(छात्रों के लिए नोट्स)
लेख का संदर्भ:-
संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन (JCC) 2024 का आयोजन लखनऊ में 4–5 सितंबर 2024 को किया गया। इसका थीम था – “सशक्त और सुरक्षित भारत: सशस्त्र बलों का रूपांतरण”। इसमें चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ (CDS), थलसेना, नौसेना और वायुसेना प्रमुख, रक्षा मंत्रालय (MoD) के वरिष्ठ अधिकारी और रक्षा मंत्री शामिल हुए। इस स्वरूप का यह पहला सम्मेलन था, जो विशेष रूप से संयुक्तता (Jointness), सैन्य सिद्धांतों के आधुनिकीकरण, सेवा संचालन के एकीकरण और भविष्य के बहु-क्षेत्रीय युद्ध (Multi-domain warfare) की तैयारी को समर्पित था।
UPSC GS पेपर विषय:-
GS पेपर-III:-
- सीमा क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ और उनका प्रबंधन
- आतंकवाद से संगठित अपराध के संबंध
- आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में बाहरी राज्य एवं गैर-राज्य अभिनेताओं की भूमिका
- रक्षा प्रौद्योगिकी और सुधार के विभिन्न पहलू
लेख के आयाम:-
- रणनीतिक सुधार – एकीकृत थिएटर कमांड्स और संयुक्त लॉजिस्टिक नोड्स की स्थापना।
- संचालन सिद्धांत (Operational Doctrine) – प्रभाव आधारित ऑपरेशनों हेतु संयुक्त संस्कृति का निर्माण।
- प्रौद्योगिकी आधुनिकीकरण – एआई, अंतरिक्ष, साइबर, स्वायत्त प्रणाली, रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध।
- स्वदेशीकरण और आत्मनिर्भरता – घरेलू हथियार, प्लेटफॉर्म और रक्षा तकनीक का निर्माण।
- संरचनात्मक समीक्षा – एकीकृत कमांड, लॉजिस्टिक एकीकरण और संसाधनों का अनुकूलन।
- नीतिगत बदलाव – राजनीतिक रूप से निर्देशित मंच (CCC) और पेशेवर सैन्य मंच (JCC) के बीच स्पष्ट अंतर।
वर्तमान संदर्भ:-
2024 का JCC भारत के रक्षा परिवर्तन में एक निर्णायक मोड़ साबित हुआ। रक्षा मंत्री ने जोर दिया कि भविष्य के युद्ध “कम अवधि के, तीव्र और बहु-क्षेत्रीय” होंगे, जिसके लिए सेवाओं के बीच सहज समन्वय अनिवार्य है। CDS ने चरणबद्ध एकीकरण का रोडमैप प्रस्तुत किया – क्रॉस सर्विस सहयोग से शुरुआत, उसके बाद संयुक्त संचालन संस्कृति का विकास, और अंततः पूर्ण थिएटराइजेशन। सम्मेलन में तीन एकीकृत थिएटर कमांड्स (उत्तरी, पश्चिमी और समुद्री) तथा अनेक संयुक्त लॉजिस्टिक हब की योजना को अंतिम रूप दिया गया। साथ ही, रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता की पुनः पुष्टि की गई ताकि रणनीतिक स्वायत्तता मजबूत हो।
समाचार की विशेषताएँ:-
- केवल सैन्य फोकस – CCC के विपरीत, JCC पूरी तरह सैन्य-उन्मुख सम्मेलन है।
- उच्चस्तरीय प्रतिनिधित्व – CDS, सेवा प्रमुख, रक्षा मंत्री, DRDO नेतृत्व।
- संरचनात्मक निर्णय – तीन थिएटर कमांड और लॉजिस्टिक हब को मंजूरी।
- प्रौद्योगिकी केंद्रित दृष्टिकोण – एआई, साइबर, रोबोटिक्स और अंतरिक्ष परिसंपत्तियों का एकीकरण।
- स्वदेशी जोर – आधुनिकीकरण योजनाओं को घरेलू निर्माण से जोड़ना।
- सिद्धांत विकास – प्रभाव आधारित संयुक्त ऑपरेशनों की दिशा में बदलाव।
व्याख्या:-
1) JCC क्या है और 2024 में क्यों आयोजित किया गया?
- संयुक्त कमांडर्स सम्मेलन (JCC) रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में होने वाला वार्षिक उच्च स्तरीय सैन्य मंच है। इसमें थल, जल, वायु सेनाओं के प्रमुख, CDS और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं।
- CCC की तुलना में JCC का दायरा केवल सैन्य संचालन, सिद्धांत और संरचनात्मक सुधारों तक सीमित है। 2024 का JCC (लखनऊ, 4–5 सितंबर) इस नए स्वरूप में पहला आयोजन था। इसका उद्देश्य संयुक्तता को गति देना, संचालन तत्परता की समीक्षा करना और सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण का रोडमैप तैयार करना था।
2) सैन्य एकीकरण और ‘Jointness’ क्यों केंद्रीय विषय है?
- भारत की तीनों सेनाएँ (थल, जल, वायु) परंपरागत रूप से अलग-अलग कमांड संरचना में कार्य करती रही हैं, जिससे संसाधनों की पुनरावृत्ति और समन्वय की कमी रहती थी।
- संयुक्तता से तीनों सेनाएँ एकजुट होकर योजना, प्रशिक्षण और युद्ध कर सकेंगी। यह Effect-based Operations को संभव बनाता है, जहाँ लक्ष्य व्यक्तिगत सेवा हित नहीं बल्कि सामूहिक रणनीतिक परिणाम होता है।
- CDS ने चरणबद्ध दृष्टिकोण पर बल दिया – पहले सहयोग, फिर संयुक्त संस्कृति और अंत में पूर्ण एकीकरण। यह खासकर चीन और पाकिस्तान से बहु-फ्रंट खतरे तथा साइबर और अंतरिक्ष युद्ध की नई चुनौतियों से निपटने के लिए आवश्यक है।
3) JCC 2024 में कौन-से संरचनात्मक सुधारों पर चर्चा हुई?
- सम्मेलन में तीन एकीकृत थिएटर कमांड्स (उत्तरी – चीन केंद्रित, पश्चिमी – पाकिस्तान केंद्रित, समुद्री – हिंद महासागर क्षेत्र केंद्रित) की योजना पर सहमति बनी। साथ ही, लेह, सिलीगुड़ी, सुलूर और पोर्ट ब्लेयर में संयुक्त लॉजिस्टिक नोड्स की चर्चा हुई।
- वायु रक्षा संचालन को जॉइंट एयर डिफेन्स कमांड के तहत एकीकृत किया जाएगा। इन सुधारों का उद्देश्य सेवा साइलो को तोड़ना, पुनरावृत्ति कम करना और युद्ध के समय त्वरित निर्णय सुनिश्चित करना है। यह स्वतंत्रता के बाद का सबसे बड़ा सैन्य संगठनात्मक सुधार है।
4) भारत के आधुनिक सैन्य सिद्धांत में प्रौद्योगिकी की भूमिका
JCC में स्पष्ट हुआ कि भविष्य के युद्ध बहु-क्षेत्रीय होंगे, जिनका निर्णायक मोर्चा साइबर, अंतरिक्ष और इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में लड़ा जाएगा। प्रमुख तकनीकों में शामिल हैं –
- कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) – युद्धक्षेत्र निर्णय सहयोग हेतु
- स्वायत्त ड्रोन – निगरानी और प्रहार के लिए
- रोबोटिक्स – लॉजिस्टिक सपोर्ट हेतु
- अंतरिक्ष आधारित टोही (Space Reconnaissance)
- उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम
रक्षा मंत्री ने जोर दिया कि आधुनिकीकरण में तकनीकी अपनाने के साथ-साथ स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास (R&D) को बढ़ावा दिया जाए।
5) ‘आत्मनिर्भरता’ की भूमिका
रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता, भारत की दीर्घकालिक सुरक्षा रणनीति का मूल है। JCC 2024 ने दोहराया कि प्रमुख हथियार, प्लेटफॉर्म और तकनीकें घरेलू उद्योग और DRDO से ही प्राप्त हों। यह न केवल विदेशी निर्भरता घटाता है बल्कि भारत की विशेष परिचालन आवश्यकताओं के अनुसार समाधान देता है। यह नीति आत्मनिर्भर भारत अभियान से जुड़ी है, जिसमें सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची, FDI में छूट और निजी क्षेत्र की भागीदारी के लिए प्रोत्साहन शामिल हैं।
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6) JCC और CCC में क्या अंतर है?
CCC (Combined Commanders’ Conference) – प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित, व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों को कवर करता है जिसमें राजनीतिक, कूटनीतिक और सैन्य विचार शामिल होते हैं।
JCC (Joint Commanders’ Conference) – रक्षा मंत्री की अध्यक्षता में, संचालन, एकीकरण, लॉजिस्टिक्स और तकनीकी अपनाने पर केंद्रित।
यह विभाजन JCC को एक पेशेवर, गैर-राजनीतिक मंच बनाए रखता है ताकि संवेदनशील सैन्य विषयों पर खुलकर चर्चा हो सके।
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निष्कर्ष
JCC 2024 भारत के रक्षा प्रबंधन में ऐतिहासिक बदलाव का प्रतीक है। इसमें एकीकरण, आधुनिकीकरण और संयुक्तता को सैन्य परिवर्तन का केंद्र बनाया गया। थिएटराइजेशन, बहु-क्षेत्रीय तत्परता और स्वदेशी क्षमता निर्माण के संकल्प के साथ भारत एक Future-ready force structure की ओर बढ़ रहा है। आगे का रास्ता तय होगा –
अनुमोदित सुधारों को समयबद्ध रूप से लागू करना,
संयुक्त प्रशिक्षण सिद्धांतों का संस्थानीकरण,
उभरती तकनीकों का शीघ्र अधिष्ठान,
और क्षमता विस्तार हेतु बजटीय सहयोग सुनिश्चित करना।
यह रूपांतरण भारत को विजन 2047 तक एक वैश्विक सैन्य शक्ति बनाएगा, जो सभी क्षेत्रों में अपने हितों की रक्षा कर सके।
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क्या आप चाहेंगे कि मैं इसका संक्षिप्त बुलेट-पॉइंट सारांश भी बना दूँ ताकि परीक्षा के दृष्टिकोण से जल्दी रिवीजन हो सके?