यूरोपीय शक्तियों का आगमन: पुर्तगाली, डच, फ्रांसीसी, अंग्रेज़

(फोकस करें: पुर्तगाली: वास्को डी गामा, एस्टाडो दा इंडिया, गोवा; डच ईस्ट इंडिया कंपनी: मालाबार और कोरोमंडल में व्यापार)

यूरोपीय शक्तियों का आगमन भारतीय इतिहास में एक निर्णायक चरण था, जिसने उपनिवेशवाद की नींव रखी। यह ब्लॉग भारत में पुर्तगाली और डच प्रयासों की पड़ताल करता है, विशेष रूप से उनके समुद्री रणनीतियों, व्यापारिक महत्वाकांक्षाओं और प्रारंभिक उपनिवेशीय संस्थानों पर। UPSC उम्मीदवारों के लिए, इन यूरोपीय शक्तियों के उद्देश्यों, तरीकों और प्रभावों को समझना प्रीलिम्स और GS मेन्स पेपर I दोनों के लिए आवश्यक है।

I. पुर्तगाली: भारत में यूरोपीय उपनिवेशवाद के अग्रदूत

1. वास्को डी गामा का आगमन (1498)

वास्को डी गामा का कालिकट में 1498 में आगमन यूरोप और भारत के बीच प्रत्यक्ष समुद्री व्यापार के उद्घाटन का संकेत था। ज़मोरिन द्वारा स्वागत किए गए, उनकी यात्रा ने पुर्तगाल की समुद्री श्रेष्ठता और व्यापारिक महत्वाकांक्षा को दर्शाया।

  • रणनीतिक महत्व: अरब दलालों को दरकिनार कर पुर्तगालियों ने भारतीय मसालों तक सीधी पहुँच बनाई, जिससे वैश्विक व्यापार की दिशा बदल गई।
  • तकनीकी बढ़त: बेहतर नौवहन और हथियारों से लैस जहाजों ने उन्हें हिंद महासागर मार्गों पर प्रारंभिक सैन्य बढ़त दिलाई।

2. एस्टाडो दा इंडिया की स्थापना

1505 में, पुर्तगाल ने एस्टाडो दा इंडिया (भारत का राज्य) की स्थापना की, जिसका मुख्यालय गोवा में था — यूरोपीय शासन की भारत में शुरुआत

  • प्रमुख प्रशासनिक पहलू:
    • गवर्नर / वायसराय प्रणाली: फ्रांसिस्को डी अल्मेडा और अफोंसो डी अल्बुकर्क जैसे नेताओं ने पुर्तगाली नियंत्रण का विस्तार और सैन्यीकरण किया।
    • “ब्लू वाटर” साम्राज्य की नीति: तटवर्ती प्रभुत्व पर केंद्रित, स्थलीय विस्तार के बजाय किलाबंद बंदरगाहों की श्रृंखला का उपयोग किया गया।

3. गोवा पर अधिकार और उसका महत्व (1510)

  • सैन्य कार्रवाई: अफोंसो डी अल्बुकर्क ने 1510 में बीजापुर के सुल्तान से गोवा पर कब्ज़ा किया।
  • धार्मिक और सांस्कृतिक प्रभाव: गोवा ईसाई मिशनरियों की गतिविधियों और लूसिटेनियन वास्तुकला का केंद्र बन गया।
  • गोवा पुर्तगाल का रणनीतिक आधार बना रहा और 1961 तक उनकी उपनिवेशीय उपस्थिति का प्रतीक था।

II. डच ईस्ट इंडिया कंपनी: पूरब के वाणिज्यिक दिग्गज

1. प्रवेश और विस्तार

डच ईस्ट इंडिया कंपनी (VOC) की स्थापना 1602 में हुई, जिसका मुख्य उद्देश्य मसालों के व्यापार में पुर्तगालियों से बढ़त पाना था। यद्यपि वे मुख्यतः ईस्ट इंडीज (वर्तमान इंडोनेशिया) में सक्रिय थे, उन्होंने भारत में भी महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र स्थापित किए।

  • भारत में आगमन: 1605 में कोरोमंडल तट पर मसुलीपट्टनम में फैक्ट्री से शुरुआत।
  • मालाबार तट पर संलग्नता: डचों ने पुर्तगालियों को चुनौती दी और कालिकट के ज़मोरिन जैसे स्थानीय शासकों से संधियाँ कीं।

2. प्रमुख व्यापार केंद्र: मालाबार और कोरोमंडल तट

  • मालाबार तट: केरल से काली मिर्च व्यापार पर केंद्रित; पुर्तगालियों से आक्रामक प्रतिस्पर्धा।
  • कोरोमंडल तट: पुलिकट, नागपट्टिनम और सूरत में केंद्र बनाए; वस्त्र और नील निर्यात किए।
  • डचों का उद्देश्य केवल लाभ था, उन्होंने न तो धर्मांतरण किया और न ही क्षेत्रीय कब्जे का प्रयास किया।

3. भारत में पतन

17वीं सदी के उत्तरार्ध में, डचों ने ईस्ट इंडीज पर ध्यान केंद्रित किया और भारत से धीरे-धीरे हट गए, मुख्यतः:

  • ब्रिटिश और फ्रांसीसी प्रतिस्पर्धा
  • 1741 में त्रावणकोर द्वारा कोलाचेल की लड़ाई जैसी सैन्य हार

III. तुलनात्मक विश्लेषण: पुर्तगाली बनाम डच दृष्टिकोण

विशेषतापुर्तगालीडच
प्रवेश वर्ष1498 (कालिकट)1605 (मसुलीपट्टनम)
मुख्य फोकसधार्मिक और उपनिवेशीयवाणिज्यिक
मुख्य आधारगोवापुलिकट, नागपट्टिनम
विस्तार रणनीतिसैन्य विजय, धर्म प्रचारव्यापारिक गठबंधन, न्यूनतम संघर्ष
पतन के कारणस्थानीय प्रतिरोध, प्रतिस्पर्धाब्रिटिश नौसैनिक शक्ति, ईस्ट इंडीज फोकस

निष्कर्ष

पुर्तगाली और डच शक्तियों ने भारत में यूरोपीय हस्तक्षेप की पहली लहर की शुरुआत की। पुर्तगाली जहाँ धार्मिक और सैन्य साधनों से उपनिवेश स्थापित कर रहे थे, वहीं डच पूरी तरह से व्यापारिक थे और राजनीति से दूर रहे। इन दोनों की विरासतों ने भारत के व्यापार तंत्र को बदल दिया और ब्रिटिश जैसे आगामी उपनिवेशवादियों के लिए रास्ता खोला।

UPSC उम्मीदवारों के लिए, ये प्रारंभिक यूरोपीय मुलाकातें औपनिवेशिक रणनीतियों, समुद्री इतिहास, और वाणिज्य एवं विजय के संबंधों की समझ प्रदान करती हैं — जो प्रीलिम्स और मेन्स दोनों के लिए बार-बार पूछे जाने वाले विषय हैं।

MCQ

1. वास्को-दा-गामा के भारत आगमन से यूरोप और भारत के बीच प्रत्यक्ष व्यापार शुरू हुआ। वह उतरा था:
A) कोचीन
B) गोवा
C) कालीकट
D) मैंगलोर
उत्तर: C) कालीकट
व्याख्या: वास्को-दा-गामा 1498 में कालीकट पहुँचा, जिससे समुद्री मार्ग से यूरोप के साथ प्रत्यक्ष व्यापार प्रारंभ हुआ।

2. निम्नलिखित में से कौन पुर्तगाली भारत का पहला वायसराय था?
A) अफोंसो डी अल्बुकर्क
B) फ्रांसिस्को डी अल्मेडा
C) वास्को-दा-गामा
D) पेड्रो अल्वारेस काब्राल
उत्तर: B) फ्रांसिस्को डी अल्मेडा
व्याख्या: 1505 में फ्रांसिस्को डी अल्मेडा को पुर्तगाली भारत का पहला वायसराय नियुक्त किया गया था।

3. निम्नलिखित में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
पुर्तगालियों ने क्षेत्रीय विजय और धार्मिक धर्मांतरण की नीति अपनाई।
डचों ने मुख्य रूप से व्यापार पर ध्यान केंद्रित किया और क्षेत्रीय नियंत्रण की कोशिश नहीं की।
सही उत्तर चुनिए:
A) केवल 1
B) केवल 2
C) दोनों 1 और 2
D) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: C) दोनों 1 और 2
व्याख्या: पुर्तगालियों ने व्यापार के साथ-साथ सैन्य और धार्मिक उद्देश्यों को मिलाया, जबकि डच केवल वाणिज्यिक दृष्टिकोण रखते थे।

4. कथन (A): पुर्तगालियों ने 1505 में एस्टाडो दा इंडिया की स्थापना की।
कारण (R): वे पूर्व में अपने व्यापार और सैन्य गतिविधियों को केंद्रीकृत करना चाहते थे।
A) A और R दोनों सही हैं और R, A की सही व्याख्या है
B) A और R दोनों सही हैं, लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है
C) A सही है, R गलत है
D) A गलत है, R सही है
उत्तर: A) A और R दोनों सही हैं और R, A की सही व्याख्या है
व्याख्या: एस्टाडो दा इंडिया की स्थापना प्रशासनिक और रणनीतिक नियंत्रण के लिए की गई थी।

5. निम्नलिखित युग्मों का मिलान कीजिए:
A
B

  1. पुलिकट – a. डच
  2. गोवा – b. पुर्तगाली
  3. मछलीपट्टनम – c. डच
    सही कूट चुनिए:
    A) 1-a, 2-b, 3-c
    B) 1-b, 2-c, 3-a
    C) 1-c, 2-a, 3-b
    D) 1-a, 2-c, 3-b
    उत्तर: A) 1-a, 2-b, 3-c
    व्याख्या: गोवा पुर्तगालियों के अधीन था; पुलिकट और मछलीपट्टनम डचों के प्रमुख व्यापारिक केंद्र थे।

6. किस युद्ध में त्रावणकोर की सेनाओं ने 1741 में डचों को हराया?
A) बक्सर का युद्ध
B) कोलाचेल का युद्ध
C) प्लासी का युद्ध
D) तालिकोट का युद्ध
उत्तर: B) कोलाचेल का युद्ध
व्याख्या: 1741 में मार्तंड वर्मा के नेतृत्व में त्रावणकोर ने डचों को कोलाचेल में हराया।

7. मालाबार तट से डचों का प्रमुख निर्यात क्या था?
A) नील
B) काली मिर्च
C) चाय
D) रेशम
उत्तर: B) काली मिर्च
व्याख्या: मालाबार तट पर डचों का व्यापार मुख्य रूप से काली मिर्च पर केंद्रित था।

8. निम्नलिखित में से कौन डच नीति की विशेषता नहीं थी?
A) अंतर्देशीय राजधानियों की स्थापना
B) व्यापारिक लाभ प्राप्त करना
C) धार्मिक धर्मांतरण से परहेज़
D) मसालों और वस्त्रों में व्यापार
उत्तर: A) अंतर्देशीय राजधानियों की स्थापना
व्याख्या: डचों ने केवल तटीय व्यापारिक फैक्ट्रियों के माध्यम से व्यापार किया, न कि राजनीतिक विस्तार के लिए।

9. गोवा पुर्तगाली शक्ति का मुख्यालय कब बना और किससे छीना गया?
A) विजयनगर
B) मराठा
C) बीजापुर का सुल्तान
D) बहमनी सल्तनत
उत्तर: C) बीजापुर का सुल्तान
व्याख्या: अफोंसो डी अल्बुकर्क ने 1510 में गोवा को बीजापुर के सुल्तान से छीना।

10. भारत में डचों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
उन्होंने मछलीपट्टनम में अपनी पहली फैक्ट्री स्थापित की।
वे भारत में स्थायी क्षेत्रीय विस्तार चाहते थे।
सही कौन सा/से है/हैं?
A) केवल 1
B) केवल 2
C) दोनों 1 और 2
D) न तो 1 और न ही 2
उत्तर: A) केवल 1
व्याख्या: डचों ने मछलीपट्टनम में फैक्ट्री शुरू की, लेकिन वे क्षेत्रीय विस्तार से दूर रहे।

11. इनमें से कौन सा सही है?
कथन (A): डच ईस्ट इंडिया कंपनी ने 17वीं सदी के अंत में भारतीय क्षेत्रों से हटना शुरू किया।
कारण (R): उनका ध्यान ईस्ट इंडीज की ओर चला गया और उन्हें सैन्य हार का सामना करना पड़ा।
A) A और R दोनों सही हैं और R, A की सही व्याख्या है
B) A और R दोनों सही हैं, लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है
C) A सही है, R गलत है
D) A गलत है, R सही है
उत्तर: A) A और R दोनों सही हैं और R, A की सही व्याख्या है
व्याख्या: डचों का भारत में पतन रणनीतिक बदलाव और कोलाचेल जैसी सैन्य हारों के कारण हुआ।

12. “Estado da India” शब्द का तात्पर्य है:
A) एक पुर्तगाली मिशनरी कार्यक्रम
B) डच सैन्य पोस्ट
C) पूर्व में पुर्तगालियों की प्रशासनिक व्यवस्था
D) फ्रेंच ईस्ट इंडिया कंपनी की पहली बस्ती
उत्तर: C) पूर्व में पुर्तगालियों की प्रशासनिक व्यवस्था
व्याख्या: एस्टाडो दा इंडिया पुर्तगालियों की प्रशासनिक प्रणाली थी जो पूर्वी क्षेत्रों के लिए बनाई गई थी।

13. निम्नलिखित में से कौन पुर्तगाली विस्तार से संबंधित नहीं था?
A) अफोंसो डी अल्बुकर्क
B) वास्को-दा-गामा
C) फ्रांसिस्को डी अल्मेडा
D) कॉर्नेलिस डी हाउटमैन
उत्तर: D) कॉर्नेलिस डी हाउटमैन
व्याख्या: कॉर्नेलिस डी हाउटमैन डच खोजकर्ता था, न कि पुर्तगाली।

14. गोवा में पुर्तगाली उपस्थिति के बारे में कौन सा कथन सही है?
A) गोवा 1700 तक पुर्तगाल का अस्थायी अड्डा था
B) गोवा को ब्रिटिशों ने कब्जा कर पुर्तगाल को दिया
C) गोवा 20वीं सदी तक पुर्तगालियों के अधीन रहा
D) गोवा डच क्षेत्र था जिसे पुर्तगाल ने छीना
उत्तर: C) गोवा 20वीं सदी तक पुर्तगालियों के अधीन रहा
व्याख्या: गोवा 1510 से 1961 तक पुर्तगालियों के अधीन रहा, जब भारत ने उसे अपने में मिला लिया।

15. भारत में पुर्तगालियों और डचों के दृष्टिकोण में अंतर को सबसे सही तरीके से कौन सा कथन वर्णित करता है?
A) दोनों ने मिशनरी गतिविधियों से परहेज़ किया
B) डच धार्मिक रूप से सक्रिय थे, पुर्तगाली नहीं
C) पुर्तगालियों ने धर्म और युद्ध को मिलाया, डचों ने केवल व्यापार पर ध्यान दिया
D) डचों ने गोवा पर शासन किया और पुर्तगालियों ने पुलिकट पर
उत्तर: C) पुर्तगालियों ने धर्म और युद्ध को मिलाया, डचों ने केवल व्यापार पर ध्यान दिया
व्याख्या: पुर्तगालियों ने सैन्य और धार्मिक दृष्टिकोण से कार्य किया, जबकि डच केवल वाणिज्यिक थे।

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