(स्थायी बंदोबस्त: लॉर्ड कॉर्नवालिस, जमींदार, रैयतवारी प्रणाली: मुनरो और रीड द्वारा मद्रास में, महालवारी प्रणाली: होल्ट मैकेंज़ी, भूमि स्वामी समुदाय,किसानों और कृषि ढांचे पर प्रभाव, भूमि का हस्तांतरण और ऋणग्रस्तता)
UPSC सिविल सेवा परीक्षा (Prelims और Mains) के संदर्भ में, इन प्रणालियों की समझ उपनिवेशकालीन आर्थिक नीतियों और उनके परिणामों को समझने के लिए आवश्यक है। |
ब्रिटिश उपनिवेश शासन में तीन प्रमुख भू-राजस्व प्रणालियाँ लागू की गईं:
- स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement)
- रैयतवारी प्रणाली (Ryotwari System)
- महालवारी प्रणाली (Mahalwari System)
इन प्रणालियों ने भारत के ग्रामीण परिदृश्य और सामाजिक-आर्थिक संरचना को गहराई से प्रभावित किया।
स्थायी बंदोबस्त (Permanent Settlement – 1793)
लॉर्ड कॉर्नवालिस द्वारा बंगाल, बिहार और उड़ीसा में लागू।
उद्देश्य: वफादार जमींदार वर्ग का निर्माण करना जो ब्रिटिश शासन को स्थिर राजस्व प्रदान कर सके।
मुख्य बिंदु:
- जमींदारों को भूमि का मालिक घोषित किया गया।
- वे राजस्व वसूली और ब्रिटिश सरकार को भुगतान के लिए जिम्मेदार थे।
- राजस्व की राशि स्थायी रूप से तय कर दी गई, इसलिए इसे “स्थायी बंदोबस्त” कहा गया।
लाभ:
- ब्रिटिश सरकार को निश्चित आय मिली।
- (सैद्धांतिक रूप से) जमींदारों को कृषि में निवेश के लिए प्रोत्साहन मिला।
हानियाँ:
- किसान “रैयत” केवल किरायेदार बन गए, अधिकारहीन।
- जमींदारों द्वारा शोषण, कृषि सुधार में कोई रुचि नहीं।
- अनुपस्थित जमींदारी (absentee landlordism), भूमि की उपेक्षा।
रैयतवारी प्रणाली (Ryotwari System)
थॉमस मुनरो और कैप्टन अलेक्ज़ेंडर रीड द्वारा मद्रास में विकसित, बाद में बॉम्बे और असम में लागू।
मुख्य बिंदु:
- किसानों (रैयतों) को भूमि का मालिक माना गया।
- वे सीधे सरकार को राजस्व देते थे।
- मिट्टी की गुणवत्ता और फसल के आधार पर राजस्व तय किया गया।
लाभ:
- जमींदारों जैसे बिचौलियों की समाप्ति।
- रैयतों को सैद्धांतिक रूप से भूमि अधिकार मिले।
हानियाँ:
- उच्च और बार-बार संशोधित राजस्व।
- किसानों की ऋणग्रस्तता और भूमि हस्तांतरण।
- राजस्व संग्रह कठोर और सख्त रहा।
महालवारी प्रणाली (Mahalwari System)
उत्तर-पश्चिम प्रांतों में होल्ट मैकेंज़ी द्वारा शुरू, बाद में जेम्स थॉमसन द्वारा संशोधित।
मुख्य बिंदु:
- पूरे गाँव या “महाल” के साथ राजस्व समझौता।
- राजस्व गाँव के मुखिया द्वारा एकत्र किया जाता था।
- राजस्व स्थायी नहीं था, समय-समय पर संशोधित होता था।
लाभ:
- पारंपरिक गाँव संस्थाओं को मान्यता।
- कुछ हद तक राजस्व आकलन में लचीलापन।
हानियाँ:
- किसानों पर भारी बोझ।
- स्थानीय मुखिया और बिचौलिए प्रणाली का शोषण करते थे।
किसानों और कृषि संरचना पर प्रभाव:
सभी प्रणालियों का उद्देश्य राजस्व अधिकतम करना था, किसानों की भलाई नहीं।
सामान्य प्रभाव:
- किसानों का बढ़ता शोषण।
- भूमि हस्तांतरण, कर्ज में डूबे किसान।
- कृषि में ठहराव, राज्य से सहयोग और निवेश की कमी।
- बार-बार अकाल और उत्पादन में कमी।
निष्कर्ष:
ब्रिटिश भू-राजस्व प्रणालियों ने भारत की कृषि संरचना को बुनियादी रूप से बदल दिया।
प्रत्येक प्रणाली में भिन्न प्रशासनिक तंत्र था, लेकिन सभी का उद्देश्य अधिकतम राजस्व वसूली था।
इन नीतियों ने पारंपरिक भूमि संबंधों को बाधित किया, किसानों को गरीब बनाया, और स्वतंत्रता संग्राम में आक्रोश का बीज बोया।
UPSC के दृष्टिकोण से, अभ्यर्थियों को स्थायी बंदोबस्त, रैयतवारी, और महालवारी प्रणालियों का तुलनात्मक विश्लेषण करना चाहिए, जिसमें उनके प्रशासनिक उद्देश्य और सामाजिक-आर्थिक प्रभाव (जैसे किसानों का शोषण, भूमि हस्तांतरण, और कर्ज) शामिल हों। यह विषय GS पेपर I (इतिहास) और GS पेपर III (अर्थव्यवस्था) में उत्तर लेखन हेतु अत्यंत उपयोगी है। |
MCQ
1. निम्नलिखित में से कौन सा सही रूप से मिलान किया गया है?
A. स्थायी बंदोबस्त – होल्ट मैकेंज़ी
B. रायत्वारी प्रणाली – लॉर्ड कार्नवालिस
C. महलवारी प्रणाली – थॉमस मुनरो
D. रायत्वारी प्रणाली – कैप्टन अलेक्जेंडर रीड
उत्तर: D रायत्वारी प्रणाली – कैप्टन अलेक्जेंडर रीड
व्याख्या: रायत्वारी प्रणाली का विकास मद्रास में कैप्टन अलेक्जेंडर रीड और थॉमस मुनरो ने किया था। होल्ट मैकेंज़ी ने महलवारी प्रणाली की शुरुआत की थी।
2. स्थायी बंदोबस्त की मुख्य विशेषता क्या थी?
A. किसानों से प्रत्यक्ष बंदोबस्त
B. ग्राम समुदायों से बंदोबस्त
C. राजस्व की स्थायी निर्धारण
D. राजस्व की समय-समय पर पुनः समीक्षा
उत्तर: C राजस्व की स्थायी निर्धारण
व्याख्या: स्थायी बंदोबस्त की पहचान यह थी कि भूमि राजस्व को स्थायी रूप से तय किया गया था।
3. रायत्वारी प्रणाली के अंतर्गत भूमि राजस्व किससे वसूला जाता था?
A. ज़मींदारों से
B. महलों से
C. ग्राम प्रधानों से
D. व्यक्तिगत कृषकों (रैयतों) से
उत्तर: D व्यक्तिगत कृषकों (रैयतों) से
व्याख्या: रायत्वारी प्रणाली में राजस्व सीधे रैयतों (किसानों) से वसूला जाता था, बिचौलियों को हटाकर।
4. कौन सी भू-राजस्व प्रणाली पारंपरिक ग्राम संस्थानों को सबसे अच्छा बनाए रखती थी?
A. स्थायी बंदोबस्त
B. रायत्वारी प्रणाली
C. महलवारी प्रणाली
D. ज़मींदारी प्रणाली
उत्तर: C महलवारी प्रणाली
व्याख्या: महलवारी प्रणाली पारंपरिक ग्राम इकाइयों (महल) पर आधारित थी और ग्राम प्रधानों को शामिल करती थी।
5. कथन (A): ज़मींदारों को स्थायी बंदोबस्त के अंतर्गत भूमि के मालिक बना दिया गया था।
कारण (R): ब्रिटिश एक वफादार मध्यस्थ वर्ग बनाना चाहते थे।
A. A और R दोनों सही हैं, और R इसका सही स्पष्टीकरण है।
B. A और R दोनों सही हैं, लेकिन R इसका सही स्पष्टीकरण नहीं है।
C. A सही है, लेकिन R गलत है।
D. A गलत है, लेकिन R सही है।
उत्तर: A A और R दोनों सही हैं, और R इसका सही स्पष्टीकरण है।
व्याख्या: दोनों कथन सही हैं। ब्रिटिशों ने ज़मींदारों को मालिक बनाया ताकि वे वफादार रहें और राजस्व स्थिर रूप से मिल सके।
6. निम्नलिखित में से कौन सा क्षेत्र मुख्य रूप से महलवारी प्रणाली से जुड़ा था?
A. बंगाल
B. मद्रास
C. बॉम्बे
D. उत्तर-पश्चिमी प्रांत
उत्तर: D उत्तर-पश्चिमी प्रांत
व्याख्या: महलवारी प्रणाली उत्तर-पश्चिमी प्रांतों में शुरू की गई थी।
7. “अनुपस्थित ज़मींदारी” शब्द किस प्रणाली से सबसे अधिक जुड़ा हुआ है?
A. महलवारी
B. रायत्वारी
C. स्थायी बंदोबस्त
D. ज़मींदारी उन्मूलन
उत्तर: C स्थायी बंदोबस्त
व्याख्या: स्थायी बंदोबस्त में कई ज़मींदार अपनी भूमि से दूर रहते थे, जिससे अनुपस्थित ज़मींदारी की स्थिति उत्पन्न हुई।
8. निम्नलिखित में से कौन सा रायत्वारी प्रणाली की विशेषता नहीं थी?
A. प्रत्यक्ष राजस्व संग्रह
B. स्थायी राजस्व बंदोबस्त
C. कृषकों का भूमि पर स्वामित्व
D. राजस्व की नियमित पुनः आकलन
उत्तर: B स्थायी राजस्व बंदोबस्त
व्याख्या: रायत्वारी प्रणाली में राजस्व स्थायी रूप से तय नहीं किया गया था; इसे समय-समय पर पुनः आंका जाता था।
9. निम्नलिखित में से किसने महलवारी प्रणाली में बदलाव किया था?
A. लॉर्ड कर्जन
B. जेम्स थॉमसन
C. विलियम बेंटिक
D. कार्नवालिस
उत्तर: B जेम्स थॉमसन
व्याख्या: होल्ट मैकेंज़ी द्वारा प्रारंभ की गई महलवारी प्रणाली में बाद में जेम्स थॉमसन ने संशोधन किए।
10. कथन (A): रायत्वारी प्रणाली ने किसानों को स्वामित्व अधिकार प्रदान किए।
कारण (R): इसने ज़मींदारों जैसे बिचौलियों को राज्य और कृषकों के बीच से हटा दिया।
A. A और R दोनों सही हैं, और R इसका सही स्पष्टीकरण है।
B. A और R दोनों सही हैं, लेकिन R इसका सही स्पष्टीकरण नहीं है।
C. A सही है, लेकिन R गलत है।
D. A गलत है, लेकिन R सही है।
उत्तर: A A और R दोनों सही हैं, और R इसका सही स्पष्टीकरण है।
व्याख्या: रायत्वारी प्रणाली में रैयतों को अधिकार दिए गए और बिचौलियों को हटाकर सीधे राज्य से जोड़ा गया।
11. निम्नलिखित भू-राजस्व प्रणालियों का क्षेत्रों से मिलान करें:
प्रणाली – क्षेत्र
A. स्थायी – 1. मद्रास
B. रायत्वारी – 2. बंगाल
C. महलवारी – 3. उत्तर-पश्चिमी प्रांत
विकल्प:
A. A-2, B-1, C-3
B. A-1, B-2, C-3
C. A-3, B-2, C-1
D. A-2, B-3, C-1
उत्तर: A A-2, B-1, C-3
व्याख्या:
स्थायी बंदोबस्त – बंगाल
रायत्वारी – मद्रास
महलवारी – उत्तर-पश्चिमी प्रांत
12. स्थायी बंदोबस्त कृषि विकास को बढ़ावा देने में असफल रहा क्योंकि:
A. राजस्व की मांग बहुत कम थी
B. ज़मींदारों को निवेश करने के लिए बहुत कम प्रोत्साहन मिला
C. ब्रिटिशों ने किसानों को बहुत अधिक स्वतंत्रता दी
D. फसलों की कीमतें राज्य द्वारा तय की जाती थीं
उत्तर: B ज़मींदारों को निवेश करने के लिए बहुत कम प्रोत्साहन मिला
व्याख्या: स्थायी राजस्व के कारण ज़मींदारों के पास भूमि सुधार में निवेश की कोई जिम्मेदारी या प्रेरणा नहीं थी।
13. निम्नलिखित में से किस प्रणाली ने भूमि से बेदखली और साहूकारों के उभार को जन्म दिया?
A. केवल स्थायी बंदोबस्त
B. केवल रायत्वारी
C. केवल महलवारी
D. सभी तीन प्रणालियाँ
उत्तर: D सभी तीन प्रणालियाँ
व्याख्या: सभी तीन प्रणालियों में उच्च राजस्व मांगों और कठोर संग्रह ने किसानों को कर्ज में डाला और भूमि से बेदखल किया।
14. निम्नलिखित में से महलवारी प्रणाली के बारे में कौन सा कथन गलत है?
A. राजस्व ग्राम समुदायों से तय किया गया था।
B. इसे बॉम्बे और मद्रास में लागू किया गया था।
C. इसमें राजस्व की समय-समय पर पुनरीक्षण की अनुमति थी।
D. इसे होल्ट मैकेंज़ी ने शुरू किया था।
उत्तर: B इसे बॉम्बे और मद्रास में लागू किया गया था।
व्याख्या: महलवारी प्रणाली उत्तर-पश्चिमी प्रांतों में लागू की गई थी, बॉम्बे और मद्रास में नहीं।
15. सभी ब्रिटिश भू-राजस्व प्रणालियों के पीछे मुख्य प्रशासनिक उद्देश्य क्या था?
A. किसानों की भलाई में सुधार करना
B. सहकारी खेती को बढ़ावा देना
C. राजस्व संग्रह को अधिकतम करना
D. कृषि उत्पादकता को बढ़ाना
उत्तर: C राजस्व संग्रह को अधिकतम करना
व्याख्या: सभी ब्रिटिश भू-राजस्व प्रणालियों का मुख्य उद्देश्य उपनिवेशीय राजस्व को अधिकतम करना था, न कि किसानों की भलाई या उत्पादकता में सुधार।