बंगाल पर ब्रिटिश विजय और कंपनी शासन की स्थापना

 [नवाबों के अधीन बंगाल की राजनीतिक स्थिति, प्लासी का युद्ध (1757) – कारण, घटनाक्रम, परिणाम, बक्सर का युद्ध (1764) और इलाहाबाद की संधि, बंगाल में द्वैध शासन (1765–72), वॉरेन हेस्टिंग्स के सुधार और प्रशासनिक नींव]

बंगाल पर ब्रिटिश विजय भारतीय इतिहास में एक निर्णायक मोड़ था, जिसने उपनिवेशवादी प्रभुत्व के लिए मंच तैयार किया और भारत के सामाजिक-राजनीतिक परिदृश्य को गहराई से प्रभावित किया। UPSC अभ्यर्थियों के लिए, विशेष रूप से प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी करने वालों के लिए, इन घटनाओं की समझ – NCERT और अन्य मानक स्रोतों के आधार पर – अत्यंत आवश्यक है।

नवाबों के अधीन बंगाल की राजनीतिक स्थिति

ब्रिटिश प्रभुत्व से पहले, बंगाल मुगल साम्राज्य का सबसे समृद्ध और उपजाऊ प्रांत था। औरंगजेब के बाद, बंगाल के नवाबों को अर्ध-स्वायत्त स्थिति प्राप्त थी।

मुख्य विशेषताएँ:

  • स्वायत्त शासन: मुर्शिद कुली खान, बंगाल के पहले नवाब, ने वंशानुगत शासन स्थापित किया जबकि औपचारिक रूप से मुगल संप्रभुता को स्वीकार किया।
  • मजबूत राजस्व प्रशासन: नवाबों ने कृषि और व्यापार से प्राप्त राजस्व को नियंत्रित करने के लिए एक कुशल प्रणाली बनाई।
  • व्यापारिक प्रतिस्पर्धा: बंगाल की समृद्धि ने यूरोपीय व्यापारिक कंपनियों, विशेषकर ब्रिटिश और फ्रांसीसी को आकर्षित किया, जिससे भविष्य के संघर्ष का आधार बना।

प्लासी का युद्ध (1757) – कारण, घटनाक्रम और परिणाम

कारण:

  • व्यापारिक विवाद: ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने नवाब सिराज-उद-दौला की अनुमति के बिना कलकत्ता को किलेबंद किया।
  • दस्तकों का दुरुपयोग: कंपनी के अधिकारियों ने व्यापारिक विशेषाधिकारों का दुरुपयोग किया, जिससे बंगाल प्रशासन को आर्थिक नुकसान हुआ।
  • आंतरिक षड्यंत्र: मीर जाफर, जगत सेठ और राय दुर्लभ जैसे प्रमुख व्यक्तियों ने रॉबर्ट क्लाइव की सहायता से सिराज-उद-दौला के खिलाफ षड्यंत्र रचा।

घटनाक्रम:

  • युद्ध 23 जून 1757 को लड़ा गया।
  • मीर जाफर ने युद्ध के दौरान सिराज-उद-दौला से विश्वासघात किया।
  • रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में ब्रिटिशों ने निर्णायक जीत हासिल की।

परिणाम:

  • मीर जाफर को कठपुतली नवाब के रूप में स्थापित किया गया।
  • बंगाल में ब्रिटिश राजनीतिक नियंत्रण की नींव पड़ी।
  • कंपनी की सैन्य और वित्तीय शक्ति में वृद्धि हुई।

बक्सर का युद्ध (1764) और इलाहाबाद की संधि

प्रतिभागी:

  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी बनाम मीर कासिम (बंगाल के नवाब), शुजा-उद-दौला (अवध के नवाब), शाह आलम द्वितीय (मुगल सम्राट)।

कारण:

  • मीर कासिम की स्वतंत्र नीतियाँ: उन्होंने बंगाल को ब्रिटिश प्रभुत्व से मुक्त करने का प्रयास किया।
  • राजस्व और व्यापार संघर्ष: दस्तकों और कर संग्रह को लेकर तनाव जारी रहा।

घटनाक्रम:

  • युद्ध 22 अक्टूबर 1764 को बक्सर में लड़ा गया।
  • हेक्टर मुनरो के नेतृत्व में ब्रिटिशों ने संयुक्त भारतीय सेनाओं को हराया।

परिणाम: इलाहाबाद की संधि (1765):

  • रॉबर्ट क्लाइव ने संधि का नेतृत्व किया।
  • मुगल सम्राट ने कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा पर दिवानी अधिकार दिए।
  • शुजा-उद-दौला ने भारी जुर्माना अदा किया।
  • ब्रिटिशों को नाममात्र मुगल संप्रभुता के तहत प्रशासनिक और वित्तीय नियंत्रण प्राप्त हुआ।

बंगाल में द्वैध शासन (1765–72)

रॉबर्ट क्लाइव द्वारा शुरू की गई यह प्रणाली वास्तविक सत्ता ब्रिटिशों के पास और औपचारिक जिम्मेदारी नवाबों के पास दर्शाती थी।

विशेषताएँ:

  • कंपनी के पास दिवानी (राजस्व संग्रह) का अधिकार।
  • नवाब के पास निजामत (कानून और व्यवस्था) का कार्य।
  • कंपनी के पास केवल अधिकार, कोई उत्तरदायित्व नहीं — इससे दुरुपयोग और शोषण बढ़ा।

परिणाम:

  • व्यापक भ्रष्टाचार और कष्ट: उत्तरदायित्व की कमी से हालात बिगड़े।
  • 1770 का अकाल: शोषणकारी नीतियों के कारण और भी गंभीर हुआ।
  • वॉरेन हेस्टिंग्स द्वारा 1772 में समाप्त कर दिया गया, जिससे प्रत्यक्ष ब्रिटिश शासन आरंभ हुआ।

वॉरेन हेस्टिंग्स के सुधार और प्रशासनिक नींव

वॉरेन हेस्टिंग्स (1773–85) ने भारत में ब्रिटिश प्रशासनिक ढांचे की नींव रखी।

प्रमुख सुधार:प्रशासनिक:द्वैध शासन की समाप्ति: प्रत्यक्ष शासन की शुरुआत।राजस्व बोर्ड तथा दीवानी और निजामती अदालतों की स्थापना।राजस्व प्रशासन के लिए कलेक्टरों की नियुक्ति।न्यायिक:हिंदू और मुस्लिम कानूनों का पंडितों और मौलवियों की सहायता से संहिताकरण।प्रशासन की भाषा के रूप में फारसी के स्थान पर अंग्रेज़ी की स्थापना।राजनीतिक:1773 का विनियामक अधिनियम: गवर्नर-जनरल और कलकत्ता में सुप्रीम कोर्ट की स्थापना।मराठों और मैसूर से संघर्ष: सैन्य विस्तार नीति की शुरुआत।आर्थिक:पांच वर्षीय राजस्व समझौते की शुरुआत।भूमि कर पर अत्यधिक ध्यान, जिससे किसानों को कठिनाइयाँ हुईं।विरासत:सिविल सेवाओं, न्यायपालिका और केंद्रीकृत नौकरशाही की नींव।मिश्रित परिणाम: संरचनात्मक रूप से शासन में सुधार हुआ, परंतु शोषण और नस्लीय असमानता गहराई।

निष्कर्ष

बंगाल पर ब्रिटिश विजय और उसके बाद के प्रशासनिक परिवर्तन दो शताब्दियों के उपनिवेशवादी शासन की नींव बने। एक रणनीतिक दृष्टिकोण से, यह घटनाक्रम दर्शाता है कि कैसे एक व्यापारिक निगम ने आंतरिक मतभेदों, सैन्य श्रेष्ठता और कूटनीतिक चातुर्य के बल पर सत्ता प्राप्त की। यह क्षेत्रीय शक्तियों की विभाजित स्थिति और एकजुट बाहरी बल के सामने उनकी असहायता को भी दर्शाता है।

UPSC अभ्यर्थियों के लिए, यह संक्रमण काल समझना औपनिवेशिकता, आर्थिक शोषण, और प्रशासनिक विकास की व्यापक अवधारणाओं को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

MCQ

1. बंगाल के पहले नवाब कौन थे जिन्होंने मुग़ल संप्रभुता को स्वीकार करते हुए वंशानुगत शासन स्थापित किया?
a) सिराजुद्दौला
b) मुर्शिद कुली ख़ान
c) मीर जाफर
d) अलीवर्दी ख़ान
सही उत्तर: b) मुर्शिद कुली ख़ान
व्याख्या: उन्हें बंगाल का सूबेदार नियुक्त किया गया था और उन्होंने वंशानुगत नवाबी शासन की नींव रखी।

2. प्लासी के युद्ध (1757) का तात्कालिक कारण क्या था?
a) ब्रिटिशों द्वारा कर न देना
b) ब्रिटिशों द्वारा कलकत्ता का किलेबंदी करना
c) अलीवर्दी ख़ान की मृत्यु
d) शाह आलम द्वितीय को पकड़ना
सही उत्तर: b) ब्रिटिशों द्वारा कलकत्ता का किलेबंदी करना
व्याख्या: सिराजुद्दौला ने बिना अनुमति की गई ब्रिटिश किलेबंदी का विरोध किया, जिससे संघर्ष शुरू हुआ।

3. निम्नलिखित में से कौन प्लासी के युद्ध के दौरान सिराजुद्दौला के खिलाफ साजिश में शामिल नहीं था?
a) मीर जाफर
b) जगत सेठ
c) रॉबर्ट क्लाइव
d) हेक्टर मुनरो
सही उत्तर: d) हेक्टर मुनरो
व्याख्या: हेक्टर मुनरो का संबंध प्लासी नहीं, बल्कि बक्सर के युद्ध से था।

4. निम्नलिखित युद्धों को उनके परिणामों से मिलाइए:
A. प्लासी
B. बक्सर
दीवानी अधिकार प्रदान करना
मीर जाफर की नियुक्ति

a) A-2, B-1
b) A-1, B-2
c) A-2, B-2
d) A-1, B-1
सही उत्तर: a) A-2, B-1
व्याख्या: प्लासी के बाद मीर जाफर की नियुक्ति हुई; बक्सर के बाद इलाहाबाद संधि द्वारा दीवानी अधिकार मिले।

5. किस युद्ध को भारत में ब्रिटिश शासन की वास्तविक नींव माना जाता है?
a) प्लासी का युद्ध
b) बक्सर का युद्ध
c) तीसरा पानीपत युद्ध
d) एंग्लो-मैसूर युद्ध
सही उत्तर: b) बक्सर का युद्ध
व्याख्या: बक्सर में जीत के बाद कंपनी को राजस्व वसूली के वैध अधिकार प्राप्त हुए।

6. द्वैध शासन प्रणाली के अंतर्गत बंगाल में राजस्व संग्रहण की वास्तविक शक्ति किसके पास थी?
a) बंगाल का नवाब
b) ब्रिटिश संसद
c) ईस्ट इंडिया कंपनी
d) मुग़ल सम्राट
सही उत्तर: c) ईस्ट इंडिया कंपनी
व्याख्या: कंपनी के पास दीवानी अधिकार थे जबकि नवाब के पास केवल नाममात्र की सत्ता थी।

7. कथन (A): द्वैध शासन प्रणाली ने बंगाल में व्यापक भ्रष्टाचार और कष्ट पैदा किए।
कारण (R): ब्रिटिशों के पास शक्ति थी लेकिन जिम्मेदारी नहीं, और नवाब के पास जिम्मेदारी थी पर शक्ति नहीं।
a) A और R दोनों सत्य हैं, और R, A की सही व्याख्या है
b) A और R दोनों सत्य हैं, लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है
c) A सत्य है, R असत्य है
d) A असत्य है, R सत्य है
सही उत्तर: a) A और R दोनों सत्य हैं, और R, A की सही व्याख्या है
व्याख्या: इस प्रणाली ने अकाउंटेबिलिटी के बिना शासन और सामाजिक संकट को जन्म दिया।

8. इलाहाबाद संधि किनके बीच हुई थी?
a) केवल रॉबर्ट क्लाइव और शाह आलम द्वितीय
b) केवल रॉबर्ट क्लाइव और शुजा-उद-दौला
c) रॉबर्ट क्लाइव, शाह आलम द्वितीय, और शुजा-उद-दौला
d) रॉबर्ट क्लाइव और मीर क़ासिम
सही उत्तर: c) रॉबर्ट क्लाइव, शाह आलम द्वितीय, और शुजा-उद-दौला
व्याख्या: बक्सर युद्ध के बाद इन तीनों के बीच संधि हुई।

9. निम्नलिखित में से कौन सा सुधार वॉरेन हेस्टिंग्स द्वारा शुरू नहीं किया गया था?
a) द्वैध शासन की समाप्ति
b) दीवानी और निज़ामत अदालतों की स्थापना
c) स्थायी बंदोबस्त
d) हिन्दू और मुस्लिम कानूनों का संहिताकरण
सही उत्तर: c) स्थायी बंदोबस्त
व्याख्या: स्थायी बंदोबस्त लॉर्ड कार्नवालिस द्वारा 1793 में लागू किया गया था।

10. 1773 के रेगुलेटिंग एक्ट के अंतर्गत पहले गवर्नर-जनरल के रूप में किसे नियुक्त किया गया था?
a) वॉरेन हेस्टिंग्स
b) लॉर्ड कार्नवालिस
c) विलियम बेंटिक
d) रॉबर्ट क्लाइव
सही उत्तर: a) वॉरेन हेस्टिंग्स
व्याख्या: रेगुलेटिंग एक्ट द्वारा गवर्नर-जनरल का पद सृजित किया गया और वॉरेन हेस्टिंग्स पहले पदाधिकारी बने।

11. वॉरेन हेस्टिंग्स के कार्यकाल में प्रशासन की आधिकारिक भाषा के रूप में किस भाषा ने फारसी का स्थान लिया?
a) हिंदी
b) बांग्ला
c) संस्कृत
d) अंग्रेज़ी
सही उत्तर: d) अंग्रेज़ी
व्याख्या: प्रशासनिक पत्राचार और कार्यों के लिए अंग्रेज़ी को अपनाया गया।

12. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  • बक्सर का युद्ध 1764 में लड़ा गया।
  • इलाहाबाद संधि द्वारा कंपनी को बंगाल, बिहार और उड़ीसा पर दीवानी अधिकार मिले।
  • बक्सर के युद्ध में भारतीय सेना का नेतृत्व मीर जाफर ने किया।

इनमें से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
a) केवल 1 और 2
b) केवल 2 और 3
c) केवल 1 और 3
d) उपरोक्त सभी
सही उत्तर: a) केवल 1 और 2
व्याख्या: मीर क़ासिम ने भारतीय पक्ष का नेतृत्व किया था, मीर जाफर ने नहीं।

13. 1770 में बंगाल में आए अकाल को किस कारण और अधिक गंभीर बना दिया गया?
a) केवल प्राकृतिक आपदाएँ
b) फ्रांसीसी आक्रमण
c) द्वैध शासन की नीतियाँ
d) खाद्य वस्तुओं के दाम में अचानक वृद्धि
सही उत्तर: c) द्वैध शासन की नीतियाँ
व्याख्या: कंपनी की शोषणकारी नीतियों और उत्तरदायित्व की कमी ने संकट को और बढ़ा दिया।

14. कथन (A): 1765 के बाद ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को राजस्व और प्रशासनिक दोनों नियंत्रण प्राप्त हो गए।
कारण (R): मुग़ल सम्राट ने कंपनी को निज़ामत अधिकार प्रदान किए।
a) A और R दोनों सत्य हैं, और R, A की सही व्याख्या है
b) A और R दोनों सत्य हैं, लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है
c) A सत्य है, R असत्य है
d) A असत्य है, R सत्य है
सही उत्तर: c) A सत्य है, R असत्य है
व्याख्या: कंपनी को केवल दीवानी अधिकार मिले थे, निज़ामत अधिकार नहीं।

15. वॉरेन हेस्टिंग्स के न्यायिक सुधारों का मुख्य उद्देश्य क्या था?
a) कंपनी के मुनाफे को बढ़ाना
b) भारतीय कानूनी प्रणालियों को बदलना
c) द्वैध न्यायालय प्रणाली बनाना और कानूनों का संहिताकरण सुनिश्चित करना
d) सीधे ब्रिटिश कॉमन लॉ लागू करना
सही उत्तर: c) द्वैध न्यायालय प्रणाली बनाना और कानूनों का संहिताकरण सुनिश्चित करना
व्याख्या: उन्होंने दीवानी और निज़ामत अदालतें स्थापित कीं और धार्मिक कानूनों का संहिताकरण कराया।

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