प्रेस और भाषाई (वर्नाक्युलर) अख़बारों का विकास

(प्रारंभिक प्रकाशन: बंगाल गजट, समाचार दर्पण, राजनीतिक जागरूकता में भारतीय-स्वामित्व वाले प्रेस की भूमिका, वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट (1878) और प्रेस सेंसरशिप, प्रमुख पत्रिकाएं: केसरी, अमृत बाजार पत्रिका, हिन्दू, सुधार और राष्ट्रवाद के उपकरण के रूप में प्रेस)

यह विषय UPSC प्रीलिम्स और मेन्स की तैयारी के लिए NCERT और मानक संदर्भ सामग्री के अनुरूप संदर्भित किया गया है।
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परिचय

औपनिवेशिक भारत में प्रेस का उभार जनमत के निर्माण, राष्ट्रवादी विचारों के प्रसार और सामाजिक-राजनीतिक चेतना को जगाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रारंभिक प्रकाशनों से लेकर आक्रामक राष्ट्रवादी पत्रकारिता के युग तक, भारतीय प्रेस स्वतंत्रता संग्राम में एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में विकसित हुआ।

प्रारंभिक प्रकाशन: नींव के पत्थर

बंगाल गजट (1780)
भारत का पहला अख़बार, हिक्की का बंगाल गजट, 1780 में जेम्स ऑगस्टस हिक्की द्वारा प्रकाशित किया गया। यद्यपि यह सेंसरशिप के कारण अल्पकालिक था, लेकिन इसने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की मिसाल कायम की।

समाचार दर्पण (1818)
सेरामपुर मिशनरियों द्वारा प्रकाशित, समाचार दर्पण बंगाली भाषा का पहला भारतीय भाषा का समाचार पत्र था। इसने भाषाई पत्रकारिता की नींव रखी और सामाजिक सुधार तथा शिक्षा का माध्यम बना।

अन्य प्रारंभिक पत्रिकाएं
इन पत्रिकाओं ने जन शिक्षा और सुधार विमर्श में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

  • बॉम्बे समाचार (1822) — गुजराती में
  • मिरात-उल-अख़बार (1822) — राजा राममोहन राय द्वारा फारसी में
  • जाम-ए-जहां नुमा (1822) — उर्दू में

भारतीय-स्वामित्व वाला प्रेस और राजनीतिक जागरूकता

19वीं सदी के दौरान भारतीय उद्यमियों और समाज सुधारकों ने ऐसे समाचार पत्र प्रकाशित किए जो स्वदेशी आवाज़ को दर्शाते थे। ये प्रकाशन प्लेटफ़ॉर्म बने:

  • औपनिवेशिक नीतियों की आलोचना के
  • सामाजिक-धार्मिक सुधार की जानकारी के प्रसार के
  • जनसाधारण की लामबंदी के लिए

राष्ट्रवादी रुझान

दादा भाई नौरोजी, बाल गंगाधर तिलक, सुरेंद्रनाथ बनर्जी जैसे अग्रणी संपादकों ने प्रेस का उपयोग राजनीतिक चेतना बढ़ाने और ब्रिटिश सत्ता पर सवाल उठाने के लिए किया। प्रेस ने आर्थिक शोषण, नस्लीय भेदभाव, और प्रशासनिक अन्याय जैसे मुद्दों को उजागर किया।

वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट 1878: औपनिवेशिक सेंसरशिप

लॉर्ड लिटन की सरकार ने भाषाई समाचार पत्रों के बढ़ते प्रभाव को रोकने के लिए वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट (1878) लागू किया।

मुख्य प्रावधान:

  • केवल गैर-अंग्रेज़ी प्रकाशनों को निशाना बनाया।
  • सरकार को बिना न्यायिक समीक्षा के छापेखानों को जब्त करने का अधिकार मिला।
  • प्रेस मालिकों को यह लिखित वचन देना पड़ता था कि वे “आपत्तिजनक” सामग्री प्रकाशित नहीं करेंगे।

भारतीय प्रतिक्रिया:

  • इस कानून की व्यापक आलोचना हुई और इसे तानाशाही और भेदभावपूर्ण बताया गया।
  • इसने राष्ट्रवादी भावना को और प्रबल किया
  • अमृत बाजार पत्रिका ने कानून से बचने के लिए एक ही रात में अंग्रेज़ी में प्रकाशित होना शुरू कर दिया।

प्रमुख पत्रिकाएं और उनका प्रभाव

केसरी (मराठी) और मराठा (अंग्रेज़ी)

  • बाल गंगाधर तिलक द्वारा स्थापित
  • स्वराज और स्वदेशी का प्रचार किया
  • युवाओं और मध्यवर्ग को लामबंद करने में प्रमुख भूमिका निभाई

अमृत बाजार पत्रिका

  • 1868 में मोतीलाल घोष और शिशिर कुमार घोष द्वारा शुरू
  • ब्रिटिश नीतियों की निडर आलोचना के लिए प्रसिद्ध
  • पहले द्विभाषीय, फिर अंग्रेज़ी में प्रकाशित होकर सेंसरशिप से बचा

द हिन्दू

  • 1878 में मद्रास में स्थापित
  • प्रारंभ में उदार था, बाद में राष्ट्रवादी मुद्दों को उठाया
  • उच्च पत्रकारिता मानकों के लिए जाना जाता है

अन्य प्रमुख पत्रिकाएं:
भारत मिहिर, बंगवासी, इंडियन मिरर, द ट्रिब्यून — सभी ने राष्ट्रवादी विचारों के प्रसार में योगदान दिया।

सुधार और राष्ट्रवाद के उपकरण के रूप में प्रेस

भारतीय प्रेस केवल समाचार का माध्यम नहीं बल्कि एक परिवर्तनकारी एजेंट था।

सामाजिक सुधार:

  • सती प्रथा, बाल विवाह, जातीय भेदभाव के खिलाफ आवाज़
  • महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा

राष्ट्रीय एकता:

  • क्षेत्रीय और भाषाई खाई को पाटा
  • सामूहिक पहचान और प्रतिरोध की भावना को बढ़ाया

राजनीतिक लामबंदी:

  • स्वदेशी, असहयोग, सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलनों में महत्वपूर्ण
  • गांधीवादी विचारों के प्रसार में सहायक

निष्कर्ष

औपनिवेशिक भारत में प्रेस और भाषाई अख़बारों का विकास स्वतंत्रता संग्राम का एक अहम अध्याय है। जागरूकता, सुधार और प्रतिरोध के माध्यम के रूप में प्रेस ने एक राजनीतिक रूप से जागरूक समाज की नींव रखी।

UPSC अभ्यर्थियों के लिए यह समझना आवश्यक है कि आधुनिक भारतीय इतिहास में मीडिया, राजनीति और समाज के अंतर्संबंध कैसे विकसित हुए।

MCQ

1. भारत में प्रकाशित होने वाला पहला समाचार पत्र कौन था?

A) समाचार दर्पण
B) बॉम्बे समाचार
C) बंगाल गजट
D) इंडियन मिरर
उत्तर: C) बंगाल गजट
व्याख्या: हिकी का बंगाल गजट 1780 में शुरू हुआ, यह भारत का पहला समाचार पत्र था।

2. समाचार दर्पण, जो पहला भारतीय भाषा का अखबार था, किसके द्वारा प्रकाशित किया गया?

A) राजा राम मोहन राय
B) सेरामपुर मिशनरिज़
C) जेम्स हिकी
D) शिशिर कुमार घोष
उत्तर: B) सेरामपुर मिशनरिज़
व्याख्या: 1818 में शुरू हुआ, इसका उद्देश्य ईसाई धर्म का प्रचार था, परंतु यह शिक्षा और सुधार का माध्यम भी बना।

3. निम्नलिखित में से किस पत्रिका का प्रकाशन बाल गंगाधर तिलक ने किया था?

A) अमृत बाज़ार पत्रिका
B) महरट्टा
C) द हिंदू
D) भारत मिहिर
उत्तर: B) महरट्टा
व्याख्या: महरट्टा (अंग्रेज़ी) और केसरी (मराठी) – दोनों का प्रकाशन तिलक द्वारा किया गया।

4. वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट, 1878 किस गवर्नर-जनरल के काल में लागू किया गया?

A) लॉर्ड रिपन
B) लॉर्ड कर्ज़न
C) लॉर्ड लिटन
D) लॉर्ड डफरिन
उत्तर: C) लॉर्ड लिटन
व्याख्या: भारतीय भाषाई प्रेस की आलोचना को दबाने हेतु यह अधिनियम लागू किया गया।

5. किस समाचार पत्र ने वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट से बचने के लिए रातों-रात अंग्रेज़ी में प्रकाशित होना शुरू कर दिया?

A) बॉम्बे समाचार
B) द हिंदू
C) अमृत बाज़ार पत्रिका
D) इंडियन मिरर
उत्तर: C) अमृत बाज़ार पत्रिका
व्याख्या: इसने अंग्रेज़ी में छपना शुरू कर दिया जिससे वह अधिनियम के दायरे से बाहर हो गया।

6. कथन (A): वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट ने सरकारी अधिकारियों को मुद्रण यंत्रों को जब्त करने की अनुमति दी।

कारण (R): अधिनियम का उद्देश्य भारत में यूरोपीय प्रेस को दबाना था।**
A) A और R सही हैं और R, A की सही व्याख्या है
B) A और R सही हैं, लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है
C) A सही है, R गलत है
D) A गलत है, R सही है
उत्तर: C) A सही है, R गलत है
व्याख्या: यह अधिनियम भारतीय भाषाओं के प्रेस को नियंत्रित करने के लिए था, न कि यूरोपीय प्रेस को।

7. निम्न में से कौन-सा वर्नाक्युलर प्रेस एक्ट की विशेषता नहीं थी?

A) यह केवल गैर-अंग्रेज़ी समाचार पत्रों पर लागू होता था
B) बिना मुकदमे के जब्ती की अनुमति देता था
C) विदेशी समाचार पत्रों के आयात पर प्रतिबंध लगाता था
D) प्रेस मालिकों को शपथपत्र देना होता था
उत्तर: C) विदेशी समाचार पत्रों के आयात पर प्रतिबंध लगाता था
व्याख्या: यह केवल देश के अंदरूनी भाषायी प्रेस को नियंत्रित करता था, न कि विदेशी समाचार पत्रों पर।

8. निम्नलिखित में से किसने स्वराज के विचार को फैलाने के लिए प्रेस का उपयोग किया?

A) दादाभाई नौरोजी
B) बाल गंगाधर तिलक
C) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
D) उपरोक्त सभी
उत्तर: D) उपरोक्त सभी
व्याख्या: इन सभी नेताओं ने प्रेस के माध्यम से राष्ट्रीय जागरूकता फैलाई।

9. 1878 में मद्रास में स्थापित समाचार पत्र, जिसने बाद में राष्ट्रवादी आंदोलन का समर्थन किया, कौन था?

A) बॉम्बे क्रॉनिकल
B) इंडियन मिरर
C) द हिंदू
D) हिंदुस्तान टाइम्स
उत्तर: C) द हिंदू
व्याख्या: अपनी उच्च संपादकीय गुणवत्ता और राष्ट्रवादी झुकाव के लिए प्रसिद्ध।

10. निम्नलिखित को मिलाइए:

A. केसरी – 1. मोतीलाल घोष
B. अमृत बाज़ार पत्रिका – 2. तिलक
C. मिरात-उल-अख़बार – 3. राजा राम मोहन राय

विकल्प:
A) A-2, B-1, C-3
B) A-3, B-2, C-1
C) A-1, B-3, C-2
D) A-2, B-3, C-1
उत्तर: A) A-2, B-1, C-3
व्याख्या: सही मेल – केसरी (तिलक), अमृत बाज़ार पत्रिका (मोतीलाल घोष), मिरात-उल-अख़बार (राजा राम मोहन राय)।

11. कथन (A): भारतीय प्रेस ने सुधारों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

कारण (R): इसने ब्रिटिश प्रशासनिक नौकरियों के बारे में जागरूकता फैलायी।**
A) A और R सही हैं और R, A की सही व्याख्या है
B) A और R सही हैं, लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है
C) A सही है, R गलत है
D) A गलत है, R सही है
उत्तर: C) A सही है, R गलत है
व्याख्या: सुधार आंदोलन सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ था, न कि सरकारी नौकरियों की जागरूकता फैलाने के लिए।

12. निम्नलिखित में से कौन-सा समाचार पत्र उर्दू भाषा में था?

A) बॉम्बे समाचार
B) मिरात-उल-अख़बार
C) जाम-ए-जहान नुमा
D) भारत मिहिर
उत्तर: C) जाम-ए-जहान नुमा
व्याख्या: यह 1822 में शुरू होने वाला प्रारंभिक उर्दू समाचार पत्र था।

13. भारतीय प्रेस निम्नलिखित में से किन आंदोलनों में प्रभावशाली था?

A) स्वदेशी
B) सविनय अवज्ञा
C) असहयोग
D) उपरोक्त सभी
उत्तर: D) उपरोक्त सभी
व्याख्या: प्रेस ने राष्ट्रवादी विचारों को प्रसारित करने और जनता को प्रेरित करने का कार्य किया।

14. इंडियन मिरर किससे संबंधित था?

A) बाल गंगाधर तिलक
B) राजा राम मोहन राय
C) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
D) दयानंद सरस्वती
उत्तर: B) राजा राम मोहन राय
व्याख्या: इंडियन मिरर का उपयोग उन्होंने ब्रह्म समाज के विचारों को फैलाने हेतु किया।

15. निम्नलिखित में से किसने प्रेस के माध्यम से महिला शिक्षा और सामाजिक सुधार में विशेष योगदान दिया?

A) बॉम्बे क्रॉनिकल
B) द हिंदू
C) समाचार दर्पण
D) उपरोक्त सभी
उत्तर: C) समाचार दर्पण
व्याख्या: आरंभिक दौर में ही इस पत्र ने शिक्षा, नैतिकता और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा दिया।

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