(1813 का चार्टर एक्ट: शिक्षा प्रावधान, मैकॉले का मिनिट (1835) और ऐंग्लिसिस्ट-ओरिएंटलिस्ट बहस, वुड्स डिस्पैच (1854): शैक्षिक नीति, अंग्रेज़ी शिक्षा का प्रसार और बुद्धिजीवियों का उदय, सामाजिक गतिशीलता और राष्ट्रवाद में शिक्षा की भूमिका)
यह विषय UPSC अभ्यर्थियों के लिए अत्यंत प्रासंगिक है क्योंकि यह सीधे तौर पर इतिहास (GS पेपर I), भारतीय समाज, राजनीति तथा निबंध लेखन जैसे विषयों से संबंधित है। औपनिवेशिक शिक्षा नीतियों की समझ से आधुनिकीकरण, पहचान निर्माण, सामाजिक गतिशीलता और राष्ट्रवाद जैसे विषयों के बीच अंतर्संबंध स्थापित करने में सहायता मिलती है। |
परिचय
ब्रिटिश शासन के दौरान भारत में पश्चिमी शिक्षा और अंग्रेज़ी भाषा की शुरूआत केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं था—यह एक गहरा सामाजिक-सांस्कृतिक परिवर्तन था। ब्रिटिशों का उद्देश्य ऐसे भारतीयों की एक श्रेणी तैयार करना था जो शासन में सहायता कर सकें और शासकों व शासितों के बीच मध्यस्थ बन सकें। परंतु, इसके अप्रत्याशित प्रभाव भी हुए, जैसे एक नए भारतीय बुद्धिजीवी वर्ग का उदय, जो आगे चलकर सामाजिक-धार्मिक सुधारों और राष्ट्रीय आंदोलन का नेतृत्व करने लगा।
1. 1813 का चार्टर एक्ट: शिक्षा प्रावधान
चार्टर एक्ट 1813 भारतीय शिक्षा के इतिहास में एक मील का पत्थर था। पहली बार ब्रिटिश संसद ने भारत में शिक्षा को प्रोत्साहन देने में राज्य की भूमिका को स्वीकार किया।
₹1 लाख प्रति वर्ष शिक्षा विकास हेतु आवंटित किया गया।
मुख्य बिंदु:
- शिक्षा को राज्य की जिम्मेदारी के रूप में मान्यता दी गई।
- शिक्षा के माध्यम और विषयवस्तु पर बहस की शुरूआत हुई (पूर्वीय बनाम पश्चिमी)।
- भारत में राज्य पोषित औपचारिक शिक्षा प्रयासों की शुरुआत।
2. मैकॉले का मिनिट (1835) और ऐंग्लिसिस्ट-ओरिएंटलिस्ट बहस
19वीं सदी की शुरुआत में एक प्रमुख वैचारिक संघर्ष देखने को मिला: ऐंग्लिसिस्ट, जिनका नेतृत्व लॉर्ड मैकॉले कर रहे थे, अंग्रेज़ी शिक्षा के पक्षधर थे, जबकि ओरिएंटलिस्ट पारंपरिक भारतीय भाषाओं और ज्ञान का समर्थन करते थे।
मैकॉले का मिनिट (1835) निर्णायक क्षण बना:
मुख्य बातें:
- अंग्रेज़ी को शिक्षा का माध्यम बनाने की वकालत।
- पारंपरिक भारतीय ज्ञान की तुलना में पश्चिमी साहित्य और विज्ञान को बढ़ावा।
- एक ऐसी “मध्यस्थ” वर्ग के निर्माण की बात, जो शासकों और जनसामान्य के बीच सेतु बने।
प्रभाव:
- शिक्षा का झुकाव अंग्रेज़ी और पश्चिमी पाठ्यक्रम की ओर।
- संस्कृत, फ़ारसी, और अरबी जैसे पारंपरिक शिक्षण संस्थानों का पतन।
3. वुड्स डिस्पैच (1854): आधुनिक शिक्षा का खाका
वुड्स डिस्पैच को ‘भारत में अंग्रेज़ी शिक्षा का मैग्ना कार्टा’ कहा जाता है। इसने एक व्यापक शैक्षिक नीति प्रस्तुत की।
मुख्य प्रावधान:
- यूरोपीय साहित्य और विज्ञान की आवश्यकता पर बल।
- कलकत्ता, बंबई और मद्रास में विश्वविद्यालयों की स्थापना की सिफारिश।
- प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा का स्तरीकरण।
- अनुदान के माध्यम से निजी शिक्षा को प्रोत्साहन।
महत्व:
- भारत में अंग्रेज़ी शिक्षा को संस्थागत रूप मिला।
- आधुनिक शिक्षा प्रणाली की नींव रखी गई।
4. अंग्रेज़ी शिक्षा का प्रसार और भारतीय बुद्धिजीवियों का उदय
अंग्रेज़ी शिक्षा लागू होने से एक नया सामाजिक वर्ग उभरा: भारतीय बुद्धिजीवी वर्ग। यह वर्ग आगे चलकर सामाजिक-पोलिटिकल सुधार और राष्ट्रीय चेतना का वाहक बना।
मुख्य विशेषताएं:
- आलोचनात्मक सोच और यूरोपीय उदार मूल्यों की जागरूकता का विकास।
- प्रेस, साहित्य, और सार्वजनिक विमर्श का विस्तार।
- ब्रह्म समाज, आर्य समाज जैसे सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों की स्थापना।
5. सामाजिक गतिशीलता और राष्ट्रवाद में शिक्षा की भूमिका
औपनिवेशिक शासन में शिक्षा एक दोधारी तलवार साबित हुई। एक ओर यह औपनिवेशिक हितों की पूर्ति के लिए थी, वहीं दूसरी ओर इसने भारतीय राष्ट्रवाद की नींव भी रखी।
परिवर्तनकारी प्रभाव:
- निम्न और मध्यम वर्ग के लिए नए अवसरों के द्वार खुले।
- अधिकारों, न्याय, और स्वतंत्रता की चेतना का प्रसार।
- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और अन्य आंदोलनों की स्थापना में अहम भूमिका।
ऐतिहासिक व्यक्तित्व:
राजा राममोहन राय, ईश्वर चंद्र विद्यासागर, दादाभाई नौरोजी—ये सभी पश्चिमी शिक्षा से प्रभावित होकर औपनिवेशिक विचारधारा को चुनौती देने वाले अग्रदूत बने।
निष्कर्ष
भारत में पश्चिमी शिक्षा और अंग्रेज़ी भाषा की शुरुआत केवल नीति परिवर्तन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक क्रांति थी। हालांकि इसका उद्देश्य प्रशासनिक सुविधा था, लेकिन इसके परिणामस्वरूप भारतीय समाज में बौद्धिक जागरूकता आई। एक नए मध्यवर्ग का उदय हुआ जिसने स्वतंत्रता संग्राम में निर्णायक भूमिका निभाई।
UPSC अभ्यर्थियों के लिए, यह विषय दर्शाता है कि कैसे शिक्षा ने सामाजिक परिवर्तन, आधुनिक संस्थानों की स्थापना और राष्ट्रीय पहचान के निर्माण में योगदान दिया। सामाजिक आंदोलनों, सुधारों और स्वतंत्रता संघर्ष से इस विषय को जोड़ना विश्लेषणात्मक दृष्टिकोण को समृद्ध करता है। |
MCQ
1. चार्टर एक्ट 1813 भारतीय शिक्षा के इतिहास में महत्वपूर्ण है क्योंकि:
A. इसने भारत में मिशनरी गतिविधियों को वैध बना दिया
B. इसने पहली बार शिक्षा के लिए धन आवंटित किया
C. इसने अंग्रेज़ी को शिक्षा का माध्यम बनाया
D. इसने प्रेसिडेंसी नगरों में विश्वविद्यालयों की स्थापना की
उत्तर: B
व्याख्या: चार्टर एक्ट 1813 ने शिक्षा के लिए प्रति वर्ष ₹1 लाख आवंटित किए, जिससे भारत में शिक्षा को बढ़ावा देने में राज्य की आधिकारिक भूमिका स्थापित हुई।
2. मैकॉले का मिनट (1835) ने समर्थन किया:
A. संस्कृत और फ़ारसी शिक्षा का पुनरुत्थान
B. स्थानीय भाषाओं में शिक्षा को बढ़ावा देना
C. अंग्रेज़ी को शिक्षा का माध्यम बनाना और पश्चिमी ज्ञान को बढ़ावा देना
D. केवल स्वदेशी ज्ञान प्रणालियाँ
उत्तर: C
व्याख्या: मैकॉले ने पारंपरिक भारतीय शिक्षा को अस्वीकार करते हुए अंग्रेज़ी में पश्चिमी साहित्य और विज्ञान को बढ़ावा दिया।
3. वुड्स डिस्पैच 1854 को ‘अंग्रेज़ी शिक्षा का मैग्ना कार्टा’ कहा जाता है क्योंकि:
A. इसने निजी शिक्षा को वैध बना दिया
B. यह केवल प्राथमिक शिक्षा पर केंद्रित था
C. इसने शिक्षा के पदानुक्रम के लिए विस्तृत योजना प्रदान की
D. इसने धार्मिक शिक्षा की शुरुआत की
उत्तर: C
व्याख्या: वुड्स डिस्पैच ने प्राथमिक से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक एक संरचित शिक्षा प्रणाली का प्रस्ताव किया, जिसमें अंग्रेज़ी और पश्चिमी पाठ्यक्रम को प्रमुखता दी गई।
4. निम्नलिखित में से कौन वुड्स डिस्पैच (1854) का प्रावधान नहीं था?
A. प्राथमिक स्तर पर स्थानीय भाषाओं की शिक्षा को बढ़ावा देना
B. प्रेसिडेंसी नगरों में विश्वविद्यालयों की स्थापना
C. शिक्षा में निजी उपक्रमों को अस्वीकार करना
D. पश्चिमी विज्ञान और साहित्य को बढ़ावा देना
उत्तर: C
व्याख्या: वुड्स डिस्पैच ने अनुदान-इन-एड प्रणाली के माध्यम से निजी शैक्षणिक पहलों को प्रोत्साहित किया।
5. कथन (A): मैकॉले का मिनट भारतीय शिक्षा में एक महत्वपूर्ण मोड़ था।
कारण (R): इसने भारत में पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों के विकास पर ज़ोर दिया।
A. दोनों A और R सही हैं, और R, A की सही व्याख्या है
B. दोनों A और R सही हैं, लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है
C. A सही है, R गलत है
D. A गलत है, R सही है
उत्तर: C
व्याख्या: मैकॉले का मिनट पारंपरिक भारतीय शिक्षा को अस्वीकार करता है और अंग्रेज़ी में पश्चिमी शिक्षा को अपनाने पर ज़ोर देता है।
6. कौन-सा अधिनियम भारत में पश्चिमी शिक्षा की ओर पहला आधिकारिक कदम था?
A. इंडियन काउंसिल्स एक्ट, 1861
B. चार्टर एक्ट, 1813
C. यूनिवर्सिटी एक्ट, 1857
D. रेगुलेटिंग एक्ट, 1773
उत्तर: B
व्याख्या: चार्टर एक्ट 1813 ने पहली बार भारत में राज्य द्वारा प्रायोजित शिक्षा की शुरुआत की।
7. औपनिवेशिक भारत में “इंटेलीजेंशिया” शब्द का अर्थ है:
A. सामंती कुलीन वर्ग
B. शासन में शामिल ब्रिटिश शिक्षित भारतीय
C. पारंपरिक संस्कृत और फ़ारसी विद्वान
D. मिशनरी स्कूलों में प्रशिक्षित पादरी
उत्तर: B
व्याख्या: इंटेलीजेंशिया वे अंग्रेज़ी-शिक्षित भारतीय थे जिन्होंने समाज-सुधार और राष्ट्रवादी आंदोलनों में योगदान दिया।
8. निम्नलिखित में से कौन अंग्रेज़ी शिक्षा के प्रसार से सीधे नहीं जुड़े थे?
A. लॉर्ड मैकॉले
B. राजा राममोहन राय
C. चार्ल्स वुड
D. बाल गंगाधर तिलक
उत्तर: D
व्याख्या: तिलक एक राष्ट्रवादी नेता थे लेकिन प्रारंभिक ब्रिटिश शैक्षणिक नीतियों से सीधे संबंधित नहीं थे।
9. कथन I: वुड्स डिस्पैच के कारण भारत में विश्वविद्यालयों की स्थापना हुई।
कथन II: ये विश्वविद्यालय प्रारंभ में ब्रिटिश कॉलेजों के मॉडल पर आधारित थे।
A. दोनों कथन सही हैं
B. केवल कथन I सही है
C. केवल कथन II सही है
D. दोनों कथन गलत हैं
उत्तर: A
व्याख्या: कलकत्ता, बॉम्बे और मद्रास में विश्वविद्यालयों की स्थापना ब्रिटिश मॉडल पर की गई थी।
10. निम्नलिखित में से कौन मैकॉले की शिक्षा नीति की विशेषता है?
A. जन शिक्षा को बढ़ावा देना
B. तकनीकी शिक्षा पर ध्यान देना
C. मध्यवर्ती वर्ग का निर्माण करना
D. गुरुकुल प्रणाली को पुनर्जीवित करना
उत्तर: C
व्याख्या: मैकॉले ने ऐसा भारतीय वर्ग बनाने का उद्देश्य रखा था जो सांस्कृतिक रूप से ब्रिटिश हो और प्रशासन में सहायक हो।
11. कथन (A): पश्चिमी शिक्षा के कारण भारत में सुधार आंदोलनों का उदय हुआ।
कारण (R): पश्चिमी शिक्षा ने आलोचनात्मक सोच और उदार मूल्यों की जागरूकता को बढ़ावा दिया।
A. दोनों A और R सही हैं, और R, A की सही व्याख्या है
B. दोनों A और R सही हैं, लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है
C. A सही है, R गलत है
D. A गलत है, R सही है
उत्तर: A
व्याख्या: पश्चिमी शिक्षा ने भारतीय समाज में नई सोच और मूल्यों को जन्म दिया, जिससे सामाजिक सुधार और स्वतंत्रता आंदोलन को प्रेरणा मिली।
12. एंग्लिसिस्ट-ओरिएंटलिस्ट बहस मुख्यतः किस विषय पर थी?
A. भूमि कर नीति
B. शिक्षा की भाषा और विषयवस्तु
C. न्यायिक सुधार
D. भारतीयों के लिए सैन्य प्रशिक्षण
उत्तर: B
व्याख्या: यह बहस इस पर थी कि शिक्षा को पारंपरिक भारतीय ज्ञान पर आधारित होना चाहिए या पश्चिमी ज्ञान पर।
13. किसने कहा कि “एक अच्छी यूरोपीय पुस्तकालय की एक शेल्फ, भारतीय पुस्तकों की तुलना में अधिक मूल्यवान है”?
A. चार्ल्स वुड
B. जेम्स मिल
C. लॉर्ड मैकॉले
D. विलियम बेंटिक
उत्तर: C
व्याख्या: मैकॉले ने अपने 1835 के मिनट में यह वक्तव्य दिया जिससे उन्होंने पश्चिमी साहित्य और ज्ञान की श्रेष्ठता जताई।
14. निम्नलिखित में से कौन-सा सुधार पश्चिमी शिक्षा के प्रसार से सबसे अधिक संबंधित है?
A. स्थायी बंदोबस्त
B. ब्रह्म समाज आंदोलन
C. स्थानीय प्रेस अधिनियम
D. इल्बर्ट बिल विवाद
उत्तर: B
व्याख्या: पश्चिमी शिक्षा से प्रेरित होकर राजा राममोहन राय जैसे सुधारकों ने ब्रह्म समाज आंदोलन की शुरुआत की।
15. औपनिवेशिक भारत में शिक्षा से संबंधित निम्नलिखित में से कौन से कथन सही हैं?
वुड्स डिस्पैच ने प्राथमिक स्तर पर स्थानीय भाषाओं की शिक्षा पर ज़ोर दिया।
मैकॉले का मिनट पारंपरिक भारतीय शिक्षा को पूरी तरह अस्वीकार करता है।
1857 में स्थापित विश्वविद्यालय स्वायत्त संस्थान थे।
A. केवल 1 और 2
B. केवल 2 और 3
C. केवल 1 और 3
D. 1, 2, और 3
उत्तर: A
व्याख्या: पहले दो कथन सही हैं, लेकिन विश्वविद्यालयों पर ब्रिटिश सरकार का कड़ा नियंत्रण था, इसलिए तीसरा कथन गलत है।