ईसाई मिशनरियों की भूमिका एवं सामाजिक प्रतिक्रिया

(शिक्षा और धर्मांतरण में मिशनरियों की गतिविधियाँ, विद्यालयों, अस्पतालों, मुद्रणालयों की स्थापना, हिन्दू समाज और पारंपरिक अभिजात वर्ग की प्रतिक्रिया, स्थानीय भाषाओं में विरोध और धार्मिक पुनरुत्थान, आधुनिक विचारों के प्रसार में भूमिका)

यह विषय UPSC पाठ्यक्रम के कई भागों से गहराई से जुड़ा हुआ है। GS पेपर I (मुख्य परीक्षा) में यह आधुनिक भारतीय इतिहास से जुड़ा है—विशेष रूप से सुधार आंदोलनों, औपनिवेशिक नीतियों और सामाजिक-धार्मिक परिवर्तनों से। यह भारतीय समाज के खंड में जाति, धर्म, और सांस्कृतिक पुनरुत्थान जैसे मुद्दों से भी संबंधित है। प्रारंभिक परीक्षा के लिए, मिशनरियों की गतिविधियाँ और उनके सामाजिक-राजनीतिक प्रभाव से संबंधित तथ्यात्मक प्रश्नों को हल करने में यह सहायक हो सकता है। इसके अतिरिक्त, यह विषय GS पेपर IV (नैतिकता) में सांस्कृतिक संवेदनशीलता, सामाजिक न्याय, और धर्मांतरण व सुधार पर नैतिक दृष्टिकोण को समझाने में भी सहायक है।

ईसाई मिशनरियों का आगमन और सामाजिक-धार्मिक परिवर्तन

ब्रिटिश औपनिवेशिक काल में ईसाई मिशनरियों का भारत में आगमन एक महत्वपूर्ण सामाजिक-धार्मिक परिवर्तन का प्रतीक था। उन्होंने मुख्यतः शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और धार्मिक पहलों के माध्यम से भारतीय समाज पर गहरा प्रभाव डाला।

शिक्षा और धर्मांतरण में मिशनरियों की गतिविधियाँ

  • अवधारणा: 18वीं शताब्दी के अंत से ब्रिटेन और यूरोप के मिशनरी भारत में सक्रिय हुए। उन्होंने भारत को धार्मिक प्रचार और सांस्कृतिक परिवर्तन की भूमि माना।
  • शिक्षा एक साधन के रूप में: मिशनरियों ने अंग्रेजी माध्यम के स्कूल स्थापित किए जैसे कि सेरामपुर कॉलेज (1800) और बिशप कॉलेज, कलकत्ता जो शिक्षा और धर्म-प्रचार दोनों उद्देश्यों के लिए बने।
  • पाठ्यक्रम: इनके पाठ्यक्रम में ईसाई धर्मग्रंथ, पश्चिमी विज्ञान, और साहित्य शामिल होते थे, जिससे भारतीय युवाओं में एक नया दृष्टिकोण उत्पन्न हुआ।
  • धर्मांतरण प्रयास: शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का उपयोग धर्मांतरण के लिए किया गया, विशेष रूप से दलितों और जनजातीय समुदायों में, जो समानता और गरिमा की तलाश में थे।

विद्यालयों, अस्पतालों, और मुद्रणालयों की स्थापना

  • शिक्षा संस्थान: मिशनरियों ने अंग्रेजी और स्थानीय भाषाओं में जन शिक्षा की नींव रखी। विशेष रूप से महिला शिक्षा पर भी उन्होंने ध्यान दिया।
  • स्वास्थ्य सेवाएँ: मिशनरी अस्पतालों ने आधुनिक चिकित्सा पद्धतियाँ शुरू कीं। वेल्लोर का क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
  • मुद्रणालय: धार्मिक साहित्य, पाठ्यपुस्तकें और शब्दकोश प्रकाशित किए गए। विलियम कैरी का सेरामपुर प्रेस बाइबिल का भारतीय भाषाओं में अनुवाद करने में अग्रणी था।

हिन्दू समाज और पारंपरिक अभिजात वर्ग की प्रतिक्रिया

  • सांस्कृतिक हस्तक्षेप: मिशनरी शिक्षा को सांस्कृतिक आक्रमण के रूप में देखा गया।
  • जातिगत संकट: निम्न जातियों के धर्मांतरण से जातिगत व्यवस्था में असंतुलन उत्पन्न हुआ।
  • प्रतिरोध आंदोलन: हिंदू अभिजात वर्ग ने मिशनरी प्रभाव का मुकाबला करने के लिए संस्थाओं और विद्यालयों की स्थापना की।

स्थानीय भाषाओं में विरोध और धार्मिक पुनरुत्थान

  • सुधार आंदोलन: आर्य समाज, ब्रह्म समाज, और रामकृष्ण मिशन जैसे आंदोलनों का उदय हुआ।
  • प्रेस प्रतिरोध: भारतीय मुद्रणालयों ने देशी धर्मों की रक्षा के लिए साहित्य प्रकाशित किया।
  • क्षेत्रीय विरोध: दक्षिण भारत में वीरमामुनिवर और अन्य विद्वानों ने तमिल और अन्य भाषाई परंपराओं को पुनर्जीवित किया।

आधुनिक विचारों का प्रसार

  • उदारवादी विचार: व्यक्तिगत स्वतंत्रता, समानता, और सामाजिक न्याय जैसे विचारों का प्रवेश हुआ।
  • ज्ञान का लोकतंत्रीकरण: सामान्य जनता के लिए शिक्षा को सुलभ बनाया गया।
  • सामाजिक परिवर्तन के उत्प्रेरक: विशेषकर हाशिए पर रहे समुदायों के बीच, मिशनरियों ने सामाजिक सुधारों की नींव रखी।

निष्कर्ष

ईसाई मिशनरी, भारत में एक ओर जहाँ परिवर्तन के वाहक थे, वहीं दूसरी ओर उन्होंने विवादों और प्रतिरोधों को भी जन्म दिया। शिक्षा, स्वास्थ्य, और मुद्रण के क्षेत्रों में उनका योगदान अमिट है, परंतु उनके प्रयासों से उत्पन्न सामाजिक प्रतिक्रिया ने भारत में स्वदेशी धार्मिक और सांस्कृतिक पुनरुत्थान को भी प्रेरित किया। 

UPSC के दृष्टिकोण से, इस जटिल अंतःक्रिया को समझना आधुनिक भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक विकास को समझने के लिए अत्यंत आवश्यक है।

MCQ

1. निम्नलिखित में से कौन-सा संस्थान भारत में ईसाई मिशनरियों द्वारा स्थापित किया गया था?
A) अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
B) सेरामपुर कॉलेज
C) बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय
D) विश्वभारती विश्वविद्यालय
उत्तर: B
व्याख्या: सेरामपुर कॉलेज 1800 में मिशनरी विलियम केरी, मार्शमैन और वार्ड द्वारा स्थापित किया गया था।

2. औपनिवेशिक भारत में ईसाई मिशनरियों का धर्मांतरण हेतु मुख्य लक्ष्य कौन था?
A) ज़मींदार
B) दलित और आदिवासी समुदाय
C) शहरी मध्यम वर्ग
D) मुस्लिम समुदाय
उत्तर: B
व्याख्या: मिशनरी अक्सर दलितों और आदिवासियों के बीच कार्य करते थे, और उन्हें धर्मांतरण के माध्यम से सामाजिक गरिमा प्रदान करते थे।

3. निम्नलिखित में से किसने बाइबिल का भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया और मुद्रण संस्कृति को बढ़ावा दिया?
A) अलेक्ज़ेंडर डफ
B) विलियम केरी
C) राजा राम मोहन राय
D) चार्ल्स ग्रांट
उत्तर: B
व्याख्या: विलियम केरी ने सेरामपुर में एक प्रिंटिंग प्रेस स्थापित किया और बाइबिल का भारतीय भाषाओं में अनुवाद किया।

4. निम्नलिखित में से कौन-सा मिशनरी गतिविधियों के प्रति प्रतिक्रिया नहीं था?
A) आर्य समाज
B) ब्रह्म समाज
C) भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
D) रामकृष्ण मिशन
उत्तर: C
व्याख्या: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस एक राजनीतिक संगठन था, जबकि अन्य सामाजिक-धार्मिक आंदोलन थे।

5. निम्न जातियों में मिशनरी शिक्षा का मुख्य सामाजिक प्रभाव क्या था?
A) साक्षरता में गिरावट
B) सामंती प्रथा का विस्तार
C) सामाजिक समानता की मांग
D) संस्कृत शिक्षा का विकास
उत्तर: C
व्याख्या: मिशनरी संस्थानों ने दलितों में समानता और गरिमा की भावना को प्रोत्साहित किया।

6. कोलकाता में बिशप कॉलेज की स्थापना का मुख्य उद्देश्य क्या था?
A) विधिक शिक्षा
B) मिशनरी प्रशिक्षण और धार्मिक शिक्षा
C) तकनीकी शिक्षा
D) सिविल सेवा की तैयारी
उत्तर: B
व्याख्या: बिशप कॉलेज ईसाई पादरियों और मिशनरियों की धार्मिक शिक्षा हेतु स्थापित किया गया था।

7. निम्नलिखित में से कौन-सा मिशनरी द्वारा स्थापित स्वास्थ्य संस्थान आज भी प्रमुख रूप से कार्यरत है?
A) एम्स, दिल्ली
B) क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर
C) निज़ाम इंस्टीट्यूट, हैदराबाद
D) केईएम अस्पताल, मुंबई
उत्तर: B
व्याख्या: क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर मिशनरी चिकित्सा सेवा का हिस्सा था।

8. कथन (A): मिशनरी शिक्षा को हिन्दू अभिजात वर्ग द्वारा विरोध का सामना करना पड़ा।
कारण (R): इसे पारंपरिक धार्मिक और सामाजिक संरचना के लिए खतरे के रूप में देखा गया।
A) A और R दोनों सत्य हैं, और R, A की सही व्याख्या है।
B) A और R दोनों सत्य हैं, लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है।
C) A सत्य है, R असत्य है।
D) A असत्य है, R सत्य है।
उत्तर: A
व्याख्या: ऊँची जातियों ने मिशनरी शिक्षा को सांस्कृतिक और धार्मिक खतरे के रूप में देखा।

9. कथन (A): मिशनरी शिक्षा पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष थी।
कारण (R): इसमें धार्मिक सामग्री को पाठ्यक्रम से बाहर रखा गया।
A) A और R दोनों सत्य हैं, और R, A की सही व्याख्या है।
B) A और R दोनों सत्य हैं, लेकिन R, A की सही व्याख्या नहीं है।
C) A सत्य है, R असत्य है।
D) A और R दोनों असत्य हैं।
उत्तर: D
व्याख्या: मिशनरी शिक्षा में पश्चिमी विषयों के साथ-साथ ईसाई धार्मिक सामग्री भी शामिल थी।

10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:

  1. मिशनरियों ने महिला शिक्षा में योगदान दिया।
  2. उन्होंने स्थानीय भाषाओं की मुद्रण संस्कृति को बढ़ावा दिया।
  3. उन्होंने स्कूलों में आधुनिक विज्ञान को हतोत्साहित किया।
    सही कथन कौन-से हैं?
    A) केवल 1 और 2
    B) केवल 1 और 3
    C) केवल 2 और 3
    D) 1, 2, और 3
    उत्तर: A
    व्याख्या: मिशनरी आधुनिक विज्ञान की शिक्षा को बढ़ावा देते थे, हालांकि इसके साथ धार्मिक शिक्षाएं भी होती थीं।

11. मिशनरी गतिविधियों के प्रति भारतीय समाज की प्रतिक्रियाएं क्या थीं?

  1. स्वदेशी मुद्रणालयों की स्थापना
  2. सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलनों का उद्भव
  3. ईसाई मूल्यों की पूर्ण स्वीकृति
    A) केवल 1 और 2
    B) केवल 2 और 3
    C) केवल 1 और 3
    D) उपरोक्त सभी
    उत्तर: A
    व्याख्या: भारतीय समाज ने मिशनरी गतिविधियों का विरोध करते हुए पुनरुत्थानवादी और सुधारवादी आंदोलन शुरू किए।

12. मिशनरी प्रभाव की प्रतिक्रिया स्वरूप आर्य समाज ने किसे बढ़ावा दिया?
A) ईसाई धर्मशास्त्र
B) मूर्तिपूजा
C) वैदिक मूल्यों और सामाजिक सुधार
D) इस्लामी कानून
उत्तर: C
व्याख्या: आर्य समाज ने वैदिक शुद्धता और तर्कसंगत सोच को बढ़ावा दिया।

13. निम्नलिखित व्यक्तियों को उनके योगदान से मिलाइए:
विलियम केरी – a) तमिल भाषा का प्रचार
अलेक्ज़ेंडर डफ – b) कोलकाता में अंग्रेज़ी शिक्षा
वीराममुनिवर – c) ईसाई तमिल साहित्य
A) 1-a, 2-b, 3-c
B) 1-c, 2-b, 3-a
C) 1-b, 2-c, 3-a
D) 1-c, 2-a, 3-b
उत्तर: B
व्याख्या: केरी ने मुद्रण और बाइबिल अनुवाद को बढ़ावा दिया; डफ ने आधुनिक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित किया; वीराममुनिवर ने तमिल में ईसाई साहित्य का निर्माण किया।

14. मिशनरी शिक्षा का एक प्रमुख विषय क्या था?
A) सामंती पदानुक्रम को बढ़ावा देना
B) ब्रिटिश राजाओं का महिमामंडन
C) स्वतंत्रता, समानता, और तर्कसंगत विचारों पर बल
D) पश्चिमी विज्ञान का विरोध
उत्तर: C
व्याख्या: मिशनरी स्कूलों ने भारतीय विद्यार्थियों में उदार पश्चिमी मूल्यों को विकसित किया।

15. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

  1. मिशनरी प्रिंटिंग प्रेसों ने साक्षरता बढ़ाने में योगदान दिया।
  2. हिन्दू अभिजात वर्ग ने मिशनरी गतिविधियों का स्वागत सांस्कृतिक आदान-प्रदान के रूप में किया।
    सही कथन कौन-सा/से है/हैं?
    A) केवल 1
    B) केवल 2
    C) दोनों 1 और 2
    D) न तो 1 और न ही 2
    उत्तर: A
    व्याख्या: मिशनरी प्रेसों ने साक्षरता में वृद्धि की, लेकिन हिन्दू अभिजात वर्ग ने उनकी गतिविधियों का विरोध किया।

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