(आर्य समाज: दयानंद सरस्वती, वेद, शुद्धि, अलीगढ़ आंदोलन: सर सैयद अहमद खान, एमएओ कॉलेज, सिंह सभा आंदोलन: सिख धर्म में सुधार, शैक्षिक और धार्मिक उद्देश्य, सुधार बनाम पुनरुत्थान: वैचारिक मतभेद)
UPSC उम्मीदवारों के लिए आर्य समाज, अलीगढ़ आंदोलन और सिंह सभा आंदोलन को समझना अत्यंत आवश्यक है क्योंकि ये विषय आधुनिक भारतीय इतिहास के पाठ्यक्रम (GS पेपर I) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और UPSC प्रीलिम्स में भी बार-बार पूछे जाते हैं। ये आंदोलन धर्म, शिक्षा और सामाजिक सुधार के संगम का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो औपनिवेशिक शासन के दौरान भारत की सामाजिक-राजनीतिक जागरूकता की झलक प्रस्तुत करते हैं। इनसे संबंधित प्रश्न अक्सर प्रमुख व्यक्तित्वों, वैचारिक अंतर (सुधार बनाम पुनरुत्थान), संस्थागत योगदान और इन आंदोलनों के भारतीय समाज व राष्ट्रीय पहचान के निर्माण पर प्रभाव पर आधारित होते हैं, जिससे यह UPSC की समग्र तैयारी के लिए अनिवार्य हो जाते हैं। |
19वीं सदी के भारत के सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन
औपनिवेशिक काल में उभरे इन आंदोलनों ने आधुनिक भारतीय समाज के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। इनका उद्देश्य भारतीय संस्कृति और समाज को पुनर्जीवित करना था, सामाजिक कुरीतियों का उन्मूलन करना, शिक्षा को बढ़ावा देना, और धार्मिक आचरण को तार्किकता तथा आधुनिक मूल्यों के साथ जोड़ना था।
आर्य समाज: वैदिक आदर्शों का पुनरुत्थान
1875 में स्वामी दयानंद सरस्वती द्वारा स्थापित, आर्य समाज एक सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन था जो वेदों की पवित्रता और आध्यात्मिकता की वापसी पर बल देता था। इसका नारा था: “कृण्वन्तो विश्वमार्यम्” (संपूर्ण विश्व को आर्य बनाओ)।
मुख्य विशेषताएं:
- वैदिक प्रामाणिकता: दयानंद ने बाद के हिंदू ग्रंथों और मूर्ति-पूजा को अस्वीकार किया और वेदों को अचूक बताया।
- शुद्धि आंदोलन: इसका उद्देश्य धर्मांतरित हिंदुओं को पुनः हिंदू धर्म में लाना था, जो धर्मांतरण के विरुद्ध एक प्रतीक था।
- सामाजिक सुधार: जातिवाद, बाल विवाह का विरोध; नारी शिक्षा और विधवा पुनर्विवाह का समर्थन।
आर्य समाज का वैचारिक रुख सुधारात्मक और पुनरुत्थानवादी दोनों था। यह समाज में सुधार करते हुए वैदिक परंपराओं को पुनर्जीवित करने की चेष्टा करता था।
अलीगढ़ आंदोलन: शिक्षा के माध्यम से आधुनिकीकरण
19वीं सदी के उत्तरार्ध में सर सैयद अहमद खान द्वारा आरंभ, यह आंदोलन 1857 के विद्रोह के बाद मुस्लिम समाज की सामाजिक-राजनीतिक गिरावट की प्रतिक्रिया था। इसका उद्देश्य था मुस्लिम समुदाय का बौद्धिक और सांस्कृतिक उत्थान।
मुख्य विशेषताएं:
- शैक्षिक जोर: 1875 में मोहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल (MAO) कॉलेज की स्थापना, जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना।
- तार्किकता और सुधार: इस्लामी सिद्धांतों का आधुनिक वैज्ञानिक सोच के साथ पुनः व्याख्या करना।
- राजनीतिक तटस्थता: प्रारंभ में कांग्रेस में मुस्लिम भागीदारी का विरोध, सांप्रदायिक फूट से डर।
धार्मिक उद्देश्य स्पष्ट न होने के बावजूद, यह आंदोलन सुधारवादी था और इस्लाम को आधुनिक सोच के साथ जोड़ने का प्रयास था।
सिंह सभा आंदोलन: सिख परंपराओं की शुद्धि
1873 में अमृतसर से आरंभ, यह आंदोलन ईसाई मिशनरियों के प्रभाव और सिख परंपराओं में आई गिरावट की प्रतिक्रिया में उत्पन्न हुआ।
मुख्य विशेषताएं:
- आंतरिक सुधार: अंधविश्वास, जातिवाद और मूर्तिपूजा को हटाना।
- शैक्षिक पहल: खालसा स्कूलों और पंजाबी भाषा में साहित्य का विकास।
- गुरमत विचारधारा: गुरु ग्रंथ साहिब की शिक्षाओं का प्रचार और सिख पहचान को हिंदू धर्म से अलग बनाना।
आर्य समाज की तरह यह भी पुनरुत्थानवादी और सुधारवादी दोनों था, परंतु सिख धर्म की विशिष्ट पहचान को पुनः स्थापित करना इसकी विशेषता थी।
शैक्षिक और धार्मिक उद्देश्य: एक साझा सूत्र
धार्मिक आधार भिन्न होने के बावजूद, तीनों आंदोलनों ने शिक्षा को सामाजिक परिवर्तन का साधन माना। MAO कॉलेज, DAV स्कूल (आर्य समाज), और खालसा स्कूल (सिंह सभा) इसकी मिसाल हैं।
धार्मिक दृष्टि से, इन आंदोलनों ने परंपरा की अंधानुकरण की जगह आंतरिक शुद्धि पर बल दिया। आर्य समाज और सिंह सभा जहाँ मूल ग्रंथों की ओर लौटे, वहीं अलीगढ़ आंदोलन ने आधुनिक यथार्थ के अनुसार पुनर्व्याख्या की।
सुधार बनाम पुनरुत्थान: वैचारिक भेद
- सुधारवादी दृष्टिकोण: अलीगढ़ आंदोलन ने आधुनिकता और तार्किकता को अपनाया, बिना अतीत को महिमामंडित किए।
- पुनरुत्थानवादी प्रवृत्ति: आर्य समाज और सिंह सभा ने धार्मिक पतन से निपटने के लिए मूल ग्रंथों की ओर वापसी की।
निष्कर्ष
इन आंदोलनों ने रूढ़िवाद को चुनौती दी और आधुनिक भारतीय पहचान की नींव रखी।
UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों के लिए इन आंदोलनों की बारीक समझ आवश्यक है, विशेषकर आधुनिक भारतीय इतिहास, समाज और संस्कृति से जुड़े विषयों के लिए। |
MCQ
बहुविकल्पीय प्रश्न (MCQs) – हिंदी में
- आर्य समाज की स्थापना किसने और कब की थी?
A) स्वामी विवेकानंद, 1870
B) दयानंद सरस्वती, 1875
C) राजा राम मोहन राय, 1828
D) ईश्वर चंद्र विद्यासागर, 1850
उत्तर: B
व्याख्या: स्वामी दयानंद सरस्वती ने 1875 में मुंबई में आर्य समाज की स्थापना की, जिसका उद्देश्य वैदिक मूल्यों को पुनर्जीवित करना था। - निम्नलिखित में से कौन-सी आर्य समाज आंदोलन की विशेषता नहीं थी?
A) मूर्ति पूजा
B) महिलाओं की शिक्षा को बढ़ावा
C) शुद्धि आंदोलन
D) जातिगत भेदभाव का विरोध
उत्तर: A
व्याख्या: आर्य समाज मूर्ति पूजा का विरोध करता था और वैदिक एकेश्वरवाद को मानता था। - शुद्धि आंदोलन का उद्देश्य क्या था?
A) विधवाओं का पुनर्विवाह
B) महिलाओं को शिक्षित करना
C) गैर-हिंदुओं को हिंदू धर्म में पुनः लाना
D) जाति प्रथा का उन्मूलन
उत्तर: C
व्याख्या: शुद्धि आंदोलन का उद्देश्य उन हिंदुओं को वापस लाना था जो अन्य धर्मों में परिवर्तित हो गए थे। - सैयद अहमद खान ने मुहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज की स्थापना कब की?
A) 1870
B) 1872
C) 1875
D) 1885
उत्तर: C
व्याख्या: 1875 में स्थापित यह कॉलेज बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना। - अलीगढ़ आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
A) प्राचीन मुस्लिम परंपराओं का पुनरुत्थान
B) आधुनिक शिक्षा के माध्यम से मुस्लिमों का सामाजिक-आर्थिक उत्थान
C) उर्दू को राष्ट्रीय भाषा के रूप में प्रचारित करना
D) इस्लामी शासन की स्थापना
उत्तर: B
व्याख्या: सर सैयद अहमद खान ने आधुनिक शिक्षा और तर्कसंगत इस्लाम की व्याख्या पर बल दिया। - सिंह सभा आंदोलन का मुख्य उद्देश्य क्या था?
A) सिखों की राजनीतिक एकता
B) खालसा की सैन्य परंपरा का पुनरुद्धार
C) सिखों में धार्मिक और शैक्षणिक सुधार
D) हिंदी भाषा का प्रचार
उत्तर: C
व्याख्या: सिंह सभा आंदोलन ने अंधविश्वासों को हटाकर सिख पहचान को मजबूत किया। - निम्नलिखित में से कौन-सा जोड़ा गलत है?
A) आर्य समाज – दयानंद सरस्वती
B) अलीगढ़ आंदोलन – एम.ए.ओ. कॉलेज
C) सिंह सभा – 1873
D) अलीगढ़ आंदोलन – हिंदू पुनरुत्थानवाद
उत्तर: D
व्याख्या: अलीगढ़ आंदोलन एक सुधारवादी आंदोलन था, न कि हिंदू पुनरुत्थानवादी। - न्याय कथन (Assertion) और कारण (Reason):
A: आर्य समाज ने मूर्ति पूजा को नकारा।
R: आर्य समाज वेदों की सत्ता में विश्वास करता था।
A) A और R दोनों सत्य हैं और R, A की सही व्याख्या है
B) A और R दोनों सत्य हैं परंतु R, A की सही व्याख्या नहीं है
C) A सत्य है, R असत्य है
D) A असत्य है, R सत्य है
उत्तर: A
व्याख्या: वेद मूर्ति पूजा का समर्थन नहीं करते; इसलिए दयानंद सरस्वती ने इसका विरोध किया। - प्रारंभिक दौर में किस आंदोलन ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में भाग लेने का विरोध किया था?
A) आर्य समाज
B) सिंह सभा
C) अलीगढ़ आंदोलन
D) ब्रह्म समाज
उत्तर: C
व्याख्या: सर सैयद अहमद खान ने मुस्लिमों को कांग्रेस से दूर रहने की सलाह दी थी। - सिंह सभा आंदोलन की शुरुआत किस शहर से हुई थी?
A) लाहौर
B) अमृतसर
C) लुधियाना
D) दिल्ली
उत्तर: B
व्याख्या: पहला सिंह सभा अमृतसर में 1873 में स्थापित हुआ। - आर्य समाज, अलीगढ़ आंदोलन और सिंह सभा आंदोलन का समान उद्देश्य क्या था?
A) जनसमूह की राजनीतिक एकता
B) भारतीयों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करना
C) ब्रिटिश शासन का उन्मूलन
D) सामाजिक और धार्मिक सुधार के लिए शिक्षा का उपयोग
उत्तर: D
व्याख्या: तीनों आंदोलनों ने शिक्षा को सुधार का माध्यम बनाया। - न्याय कथन (Assertion) और कारण (Reason):
A: आर्य समाज सुधारवादी और पुनरुत्थानवादी दोनों था।
R: यह प्राचीन वैदिक आदर्शों को पुनर्जीवित कर हिंदू समाज का सुधार चाहता था।
A) A और R दोनों सत्य हैं और R, A की सही व्याख्या है
B) A और R दोनों सत्य हैं परंतु R, A की सही व्याख्या नहीं है
C) A सत्य है, R असत्य है
D) A असत्य है, R सत्य है
उत्तर: A - निम्नलिखित में से कौन-सा शैक्षणिक संस्थान सही आंदोलन से जुड़ा है?
A) डीएवी स्कूल – ब्रह्म समाज
B) एम.ए.ओ. कॉलेज – अलीगढ़ आंदोलन
C) खालसा स्कूल – आर्य समाज
D) हिन्दू कॉलेज – सिंह सभा
उत्तर: B - सिंह सभा आंदोलन की वैचारिक विशेषता क्या थी?
A) सिख धर्म को हिंदू धर्म का एक संप्रदाय मानना
B) शुद्ध और विशिष्ट सिख धार्मिक पहचान की घोषणा
C) संस्कृत ग्रंथों की श्रेष्ठता
D) ब्राह्मणवादी अनुष्ठानों की ओर लौटना
उत्तर: B - आर्य समाज और अलीगढ़ आंदोलन के बीच वैचारिक अंतर को सबसे अच्छे तरीके से कौन-सा विकल्प दर्शाता है?
A) आर्य समाज धर्मनिरपेक्ष था; अलीगढ़ धार्मिक
B) आर्य समाज राजनीतिक था; अलीगढ़ गैर-राजनीतिक
C) आर्य समाज ने प्राचीन ग्रंथों का पुनरुद्धार किया; अलीगढ़ ने धर्म की आधुनिक व्याख्या की
D) आर्य समाज ने पाश्चात्य शिक्षा पर ध्यान दिया; अलीगढ़ ने शिक्षा की उपेक्षा की
उत्तर: C