संघीय बजट 2025-26, जिसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा प्रस्तुत किया गया, इसका विषय "सबका विकास" (समावेशी विकास) इर्द-गिर्द केंद्रित है और 2047 तक "विकसित भारत" का दीर्घकालिक लक्ष्य है। आर्थिक विस्तार, रोज़गार सृजन और वित्तीय समेकन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, इस बजट को मध्यवर्ग के लिए "सपनों का बजट" कहा जा रहा है।
मुख्य विषय और उद्देश्य
सबका विकास—सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास।
विकसित भारत के लक्ष्य—शून्य गरीबी, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, सस्ती स्वास्थ्य सेवाएं, कुशल श्रमिक, और महिलाओं की आर्थिक भागीदारी।
मुख्य ध्यान केंद्र—गरीब , युवा, अन्नदाता, और नारी।
चार विकास इंजन—कृषि, MSME, निवेश, और निर्यात।
मुख्य ध्यान केंद्र और विकास इंजन
यह बजट चार प्रमुख आर्थिक इंजन के इर्द-गिर्द घूमता है:
1. कृषि
2. MSME
3. निवेश
4. निर्यात
इसके अतिरिक्त, सुधारात्मक कदम इन इंजन को आगे बढ़ाने के लिए ईंधन के रूप में काम करेंगे।
पहला इंजन: कृषि
'प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना' की शुरुआत होगी, जिसमें 100 जिलों को शामिल किया जाएगा।
'दालों में आत्मनिर्भरता मिशन' (6 साल), जिसमें तूर, उरद और मसूर की खरीद शामिल होगी।
किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) की ऋण सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया गया है।
कपास उत्पादकता मिशन (5 साल) और फलों और सब्जियों के लिए व्यापक कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी।
कृषि क्षेत्र पर प्रभाव
कृषि उत्पादकता और आय में सुधार।
बेहतर भंडारण, सिंचाई और फसल विविधीकरण।
छोटे और सीमांत किसानों को प्रोत्साहन।
दूसरा इंजन: MSME
MSME के लिए निवेश और टर्नओवर सीमा को क्रमशः 2.5 गुना और 2 गुना बढ़ाया गया।
साख वृद्धि: MSME के लिए गारंटी कवर बढ़ाया गया।
5 लाख महिलाओं, SC/ST उद्यमियों के लिए नई योजना (5 वर्षों में ₹2 करोड़ का टर्म लोन)।
"मेक इन इंडिया" के लिए राष्ट्रीय निर्माण मिशन।
खिलौना उद्योग को बढ़ावा: सरकार भारत को खिलौनों का वैश्विक केंद्र बनाने के लिए काम करेगी।
MSME पर प्रभाव
साख की उपलब्धता में वृद्धि और व्यापार करने में आसानी।
अधिक महिलाएं और हाशिए पर रहने वाले समुदाय उद्यमिता में भाग लेंगे।
घरेलू निर्माण और निर्यात को सशक्त होने में मदद मिलेगी।
तीसरा इंजन: निवेश
लोगों में निवेश
सरकारी स्कूलों में 50,000 अटल टिंकरिंग लैब्स।
सभी सरकारी स्कूलों और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में ब्रॉडबैंड (भारतनेट)।
शिक्षा के लिए राष्ट्रीय एआई(AI) सेंटर ऑफ एक्सीलेंस (₹500 करोड़)।
अर्थव्यवस्था में निवेश
राज्यों को पूंजीगत व्यय के लिए ₹1.5 लाख करोड़ का ब्याज मुक्त ऋण।
संपत्ति मुद्रीकरण योजना 2025-30 (₹10 लाख करोड़)।
जल जीवन मिशन को 2028 तक बढ़ाया गया।
“शहरों को विकास का केंद्र” बनाने के लिए ₹1 लाख करोड़ का शहरी चुनौती निधि।
नवाचार में निवेश
निजी क्षेत्र, अनुसंधान और नवाचार के लिए ₹20,000 करोड़ का कोष।
ज्ञान भारतम मिशन: 1 करोड़ हस्तलिखित पांडुलिपियों का सर्वेक्षण और डिजिटल रिपॉजिटरी।
शहरी योजना में सुधार के लिए राष्ट्रीय भौगोलिक सूचना मिशन।
निवेश और अवसंरचना पर प्रभाव
डिजिटल और एआई(AI) शिक्षा को बढ़ावा।
शहरी और ग्रामीण अवसंरचना के लिए उच्च पूंजी निवेश।
अनुसंधान और नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त किया गया।
चौथा इंजन: निर्यात
निर्यात संवर्धन मिशन (MSMEs और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर केंद्रित )।
‘भारत ट्रेडनेट’ (BTN): एकीकृत डिजिटल व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्त पोषण मंच।
घरेलू निर्माण के लिए समर्थन (उद्योग 4.0, इलेक्ट्रॉनिक्स, गोदाम निर्माण)।
एयर कार्गो और बागवानी अवसंरचना उन्नयन।
निर्यात पर प्रभाव
भारत की वैश्विक व्यापार और आपूर्ति श्रृंखलाओं में भूमिका को मजबूत किया।
निर्यात वित्तपोषण और डिजिटल व्यापार समाधान में आसानी।
निर्माण, आपूर्ति प्रबंधन(लॉजिस्टिक्स) और कृषि निर्यात में वृद्धि।
कर और वित्तीय सुधार
नए कर व्यवस्था के तहत ₹12 लाख तक की आय अर्जित करने वाले व्यक्तियों के लिए शून्य आयकर।
धारा 87A में छूट सीमा ₹7 लाख से बढ़ाकर ₹12 लाख (अधिकतम छूट: ₹60,000)।
कर कटौती से राजस्व हानि: ₹1 लाख करोड़।
बीमा में 100% FDI सीमा (74% से) (केवल अगर पूरी प्रीमियम राशि भारत में निवेश की जाती है)।
राज्यों के लिए निवेश मित्रता सूचकांक (2025)।
जन विश्वास विधेयक 2.0 (100+ कानूनों का अपराधी करण समाप्त)।
नए आयकर स्लैब
अन्य कर सुधार
वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर स्रोत पर कर कटौती(TDS) सीमा दोगुनी (₹50,000 → ₹1 लाख)।
किराए पर स्रोत पर कर कटौती(TDS) सीमा ₹6 लाख तक बढ़ाई गई (₹2.4 लाख से)।
संशोधित रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा 4 साल (पहले: 2 साल)।
अर्थव्यवस्था और व्यापार पर प्रभाव
व्यापार नियमन में आसानी और FDI वृद्धि।
राज्यों के बीच निवेश के लिए बड़ी प्रतिस्पर्धा।
सतत आर्थिक विकास के लिए अधिक प्रभावी वित्तीय नियमन।
मध्य वर्ग और व्यापार पर प्रभाव
अधिक उपलब्ध आय → बढ़ी हुई खपत और बचत।
व्यापारों और व्यक्तियों के लिए कम अनुपालन बोझ।
रियल एस्टेट और वित्तीय उत्पादों में निवेश को बढ़ावा।
राजस्व व्यय और वित्तीय घाटा
पूंजीगत व्यय (Capex) ₹11.21 लाख करोड़ तक बढ़ाया गया (FY2024-25 में ₹11.11 लाख करोड़ था)।
वित्तीय घाटा GDP के 4.4% पर रखा गया, जो पिछले साल 4.8% था।
बाजार से उधारी ₹11.53 लाख करोड़ अनुमानित है, जो FY2024-25 में ₹14.01 लाख करोड़ से कम है।
अवसंरचना और आर्थिक विकास
संशोधित UDAN योजना के तहत 120 नए गंतव्यों को जोड़ा जाएगा, 10 वर्षों में 4 करोड़ यात्रियों का लक्ष्य।
रियल एस्टेट को बढ़ावा—स्वामिह(Swamih) फंड 2 लॉन्च किया गया ₹15,000 करोड़ के साथ आवास क्षेत्र को पुनर्जीवित करने के लिए।
निर्माण को बढ़ावा—स्वच्छ प्रौद्योगिकी उद्योगों, EV बैटरियों, सौर PV कोशिकाओं, और पवन टर्बाइनों के लिए प्रोत्साहन।
पर्यटन को बढ़ावा—50 शीर्ष पर्यटन स्थलों का विकास, होमस्टे के लिए मुद्रा ऋण और ई-वीजा विस्तार।
आयात शुल्क में छूट और कटौती
36 जीवन रक्षक कैंसर और दुर्लभ रोगों की दवाइयां → कोई मूल सीमा शुल्क (BCD) नहीं।
बैटरी निर्माण के लिए महत्वपूर्ण खनिज (कोबाल्ट, लिथियम, जिंक) → BCD से छूट।
वस्त्र मशीनरी और शटल-लेस लूम → BCD से छूट।
“मेक इन इंडिया” के लिए प्रोत्साहन
EV और मोबाइल फोन बैटरी निर्माण: 35 पूंजीगत वस्तुओं पर छूट दी गईं।
जहाज़ निर्माण घटक → BCD छूट 10 वर्षों के लिए बढ़ाई गई।
बुने हुए कपड़े पर शुल्क वृद्धि (10% से 20% या ₹115/किलो, जो भी अधिक हो)।
उद्योग पर प्रभाव
स्वास्थ्य देखभाल की सस्ती कीमतें और फार्मा उद्योग को बढ़ावा।
EV और इलेक्ट्रॉनिक्स निर्माण को मजबूत किया गया।
घरेलू वस्त्र और हस्तशिल्प उत्पादन में वृद्धि।
बिहार-केंद्रित विकास
मखाना बोर्ड की घोषणा, उत्पादन और विपणन(मार्केटिंग) में सुधार करेगा।
बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की योजना बनाई गई है, जिससे संपर्कता(कनेक्टिविटी) बढ़ेगी।
रोजगार और उद्योग पहल
22 लाख नई नौकरियों का सृजन, जिसमें फुटवियर और चमड़ा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित होगा।
MSMEs, स्टार्टअप्स और गिग श्रमिकों(अनुबंध आधारित) के लिए विशेष नीति समर्थन।
बीमा में FDI सीमा को 74% से बढ़ाकर 100% किया गया।
न्यूक्लियर और ऊर्जा निवेश
न्यूक्लियर ऊर्जा मिशन के लिए ₹20,000 करोड़ आवंटित किए गए, 2033 तक 5 छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर (SMRs) विकसित करने के लिए।
ऊर्जा क्षेत्र का आवंटन पिछले वर्ष से 18% बढ़ाकर ₹81,174 करोड़ कर दया गया।
रक्षा और आईटी क्षेत्र के आवंटन
रक्षा बजट ₹4.91 लाख करोड़ (₹4.56 लाख करोड़ से बढ़ा)।
आईटी और दूरसंचार का आवंटन ₹1.16 लाख करोड़ से घटाकर ₹95,298 करोड़ कर दिया गया।
उपभोक्ताओं के लिए राहत – सस्ती वस्तुएं
कैंसर और जीवन रक्षक दवाओं की कीमतों में कमी।
सौर PV कोशिकाओं और लिथियम-आयन बैटरियों की कीमतों में कमी।
दूरसंचार और सेमीकंडक्टर उपकरण की कीमतों में कमी।
MSMEs और स्टार्टअप को समर्थन
क्रेडिट गारंटी कवर को ₹5 करोड़ से बढ़ाकर ₹10 करोड़ किया गया।
नए उद्यमियों की योजना – 5 लाख महिलाओं और SC, ST उद्यमियों के लिए ₹2 करोड़ का टर्म लोन।
भारत ट्रेडनेट (BTN) – निर्यातकों के लिए डिजिटल व्यापार दस्तावेजीकरण और वित्त पोषण।
सामाजिक कल्याण और नीति सुधार
36 जीवन रक्षक दवाओं पर कर छूट।
असम में नया यूरिया संयंत्र – 12.7 लाख मीट्रिक टन क्षमता।
22 लाख नौकरियों का सृजन – फुटवियर और चमड़ा उद्योग पर केंद्रित।
‘दालों में आत्मनिर्भरता मिशन’ – घरेलू उत्पादन के लिए छह साल की योजना।
अतिरिक्त सुधार और प्रशासन
स्व-आवंटित संपत्ति नियम समाप्त – करदाता दो संपत्तियों को स्व-आवंटित के रूप में दावा कर सकते हैं
नए आयकर विधेयक का उद्देश्य कर कानूनों को सरल बनाना, 50% तक कर को घटाना।
एक बजट जो मध्य वर्ग की बचत, रोजगार और आर्थिक विकास का समर्थन करता है।
बजट 2025-26 का कुल प्रभाव
मध्य वर्ग: अधिक बचत, खपत में वृद्धि।
किसान: उच्च क्रेडिट, बेहतर खरीद, ग्रामीण रोजगार।
MSMEs: बढ़ी हुई क्रेडिट पहुंच, बेहतर वैश्विक व्यापार अवसर।
स्टार्टअप्स और उद्यमी: निवेश के अनुकूल सुधार, नियामक सुगमता।
निवेशक और व्यापार: कम कराधान, अवसंरचना को बढ़ावा।
अवसंरचना और निर्यात: बढ़ा हुआ निर्माण और वैश्विक व्यापार एकीकरण।
विकास और स्थिरता के लिए एक परिवर्तनकारी बजट
संघीय बजट 2025-26 एक आत्मनिर्भर और विकसित भारत की नींव रखता है, जो:
मध्यवर्ग को कर राहत प्रदान करता है।
अवसंरचना और निर्माण को बढ़ावा देता है।
उद्यमिता और रोजगार को प्रोत्साहित करता है।
कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को सशक्त करता है।
वित्तीय अनुशासन बनाए रखता है।
यह बजट कर राहत, आर्थिक विस्तार और सामाजिक कल्याण का संतुलित दृष्टिकोण दिखाता है, जो सरकार के समृद्ध, आत्मनिर्भर भारत की दृष्टि को दर्शाता है, साथ ही सतत विकास और वित्तीय जिम्मेदारी सुनिश्चित करता है।
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