भारत निर्यात को विकास का चौथा इंजन बनाकर वैश्विक व्यापार में नई ऊंचाइयों को छूने के लिए तैयार है। नीतिगत सुधारों, डिजिटल व्यापार अवसंरचना और उन्नत आपूर्ति शृंखला एकीकरण के माध्यम से, निर्यात संवर्धन मिशन, भारतट्रेडनेट और इंडस्ट्री 4.0 अपनाने जैसी पहल एमएसएमई को सशक्त बनाएंगी, लॉजिस्टिक्स में तेजी लाएँगी और भारत की वैश्विक उपस्थिति को मजबूत करेंगी।

प्रमुख पहल और योजनाएँ
1. निर्यात संवर्धन मिशन
उद्देश्य: नीतिगत पहलों और क्षेत्रीय रणनीतियों के माध्यम से निर्यात को बढ़ावा देना
मुख्य विशेषताएँ:
🛠 बहु-मंत्रालयी दृष्टिकोण – वाणिज्य, एमएसएमई और वित्त मंत्रालय के समन्वित प्रयासों द्वारा संचालित
📊क्षेत्र-विशेष और मंत्रालय-विशेष लक्ष्य, रणनीतिक निर्यात वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए
💰वित्तीय सहायता तंत्र के माध्यम से निर्यात क्रेडिट तक आसान पहुंच
🌍विदेशी बाजारों में एमएसएमई को गैर-शुल्कीय बाधाओं (NTBs) को पार करने में सहायता
💱सीमा-पार फैक्टरिंग समर्थन, जिससे निर्यातकों के लिए भुगतान संग्रह आसान हो
2. भारतट्रेडनेट (BTN) – व्यापार के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना
उद्देश्य: अंतरराष्ट्रीय व्यापार के लिए एक निर्बाध और एकीकृत डिजिटल पारिस्थितिकी तंत्र बनाना
मुख्य विशेषताएँ:
📜 एकीकृत व्यापार दस्तावेज़ीकरण प्लेटफ़ॉर्म, जिससे कागजी कार्रवाई की परेशानी कम होगी
💻 संयुक्त लॉजिस्टिक्स इंटरफेस प्लेटफ़ॉर्म (ULIP) के साथ एकीकरण, जिससे लॉजिस्टिक्स सुगम होगा
🔗 वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के अनुरूप, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणालियों के साथ इंटरऑपरेबिलिटी सुनिश्चित होगी
🏦 निर्यातकों और आयातकों के लिए व्यापार वित्त समाधान सुलभ बनाना
3. वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं के साथ एकीकरण
उद्देश्य: वैश्विक विनिर्माण और निर्यात में भारत की भूमिका को मजबूत करना
मुख्य विशेषताएँ:
🏭 वैश्विक व्यापार एकीकरण के लिए घरेलू विनिर्माण क्षमताओं का विकास
📌 उच्च-क्षमता वाले उद्योगों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए उद्देश्य-आधारित क्षेत्रीय चयन
🤝 वरिष्ठ अधिकारियों और उद्योग विशेषज्ञों के साथ आपूर्ति शृंखला संवर्द्धन हेतु विशेष समूहों का गठन🤖 इंडस्ट्री 4.0 – कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI), रोबोटिक्स, IoT और स्वचालन(ऑटोमेशन) के माध्यम से दक्षता बढ़ाना
🎓 युवा कार्यबल को भविष्य की औद्योगिक आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षित करने के लिए कौशल विकास कार्यक्रम
4. वैश्विक क्षमता केंद्रों (GCCs) के लिए राष्ट्रीय रूपरेखा
उद्देश्य: टियर-2 शहरों को वैश्विक व्यापार सेवा केंद्रों के रूप में विकसित करना
मुख्य विशेषताएँ:
📋 राज्यों को प्रतिभा उपलब्धता और अवसंरचना विकास हेतु मार्गदर्शन प्रदान करना
🏗 व्यापार सुगमता बढ़ाने के लिए नियामकीय और उपनियम सुधार
🔄 उद्योग और सरकार के बीच सहयोग तंत्र को बढ़ावा देना, जिससे GCCs का सतत विकास हो
5. वायु कार्गो के लिए गोदाम सुविधाएँ
उद्देश्य: उच्च-मूल्य और नाशवंत उत्पादों के निर्यात को समर्थन देने के लिए वायु कार्गो लॉजिस्टिक्स को उन्नत बनाना
मुख्य विशेषताएँ:
📦गोदाम अवसंरचना का आधुनिकीकरण, जिससे कुशल भंडारण और प्रबंधन संभव हो
🥭उच्च-मूल्य वाले नाशवंत बागवानी उत्पादों के लिए विशेष सुविधाएँ
🛃तेज कस्टम क्लियरेंस और कार्गो स्क्रीनिंग प्रक्रियाएँ
🚀वैश्विक व्यापार को समर्थन देने के लिए भारत की वायु लॉजिस्टिक्स दक्षता को बढ़ाना
निष्कर्ष
भारत का निर्यात को चौथा विकास इंजन बनाने की परिकल्पना वैश्विक व्यापार नेतृत्व की दिशा में एक परिवर्तनकारी कदम है। डिजिटल अवसंरचना, नीतिगत सुधारों और विनिर्माण क्षमताओं को मजबूत करके, भारत निर्यात वृद्धि को गति देगा, एमएसएमई को सशक्त बनाएगा और वैश्विक आपूर्ति शृंखलाओं में अपनी भागीदारी को मजबूत करेगा। ये पहल न केवल वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाएंगी बल्कि आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और नवाचार के लिए नए अवसर भी बनाएंगी, जिससे भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में उभरेगा।
Commenti